दिल्ली-NCR और यूपी में सुबह-सुबह भूकंप के झटके, हरियाणा के झज्जर में था केंद्र

हरियाणा के झज्जर क्षेत्र में आज प्रातः 9:04 बजे (भारतीय मानक समय) 4.4 मापांक का भूकंपीय झटका दर्ज किया गया। रिक्टर पैमाने पर दर्ज इस भूकंप के प्रभावी झटके दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) सहित उत्तर प्रदेश के विस्तृत भूभाग में स्पष्ट रूप से अनुभव किए गए।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
गुरुवार सुबह देश के तीन राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। अचानक आए भूकंप से लोगों में दहशत फैल गई और वे घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
भूकंप के झटके राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई जिलों में महसूस किए गए। इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में रहा, जहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.4 दर्ज की गई।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक निवासी ने बताया, “मैं ठीक उसी वक्त जागा जब झटका महसूस हुआ। काफी डर गया था। कुछ दिन पहले भी एक भूकंप आया था। दिल्ली-एनसीआर में अक्सर भूकंप आते रहते हैं, इसलिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।”
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक व्यक्ति ने बताया, “भूकंप के झटके काफी तेज़ थे… मैं उस समय एक दुकान पर था, ऐसा लगा जैसे कोई दुकान को जोर से हिला रहा हो।”
भूकंप क्यों आता है?
पृथ्वी के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार हिलती-डुलती रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, तो उस जगह को फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार होने वाली टक्कर से प्लेट्स के किनारे मुड़ जाते हैं और वहां तनाव बढ़ने लगता है। जब यह तनाव अपनी सीमा पार कर जाता है, तो प्लेट्स टूट जाती हैं। तब धरती के अंदर जमा हुई ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और इसी हलचल से भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
जानें, क्या होता है भूकंप का केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस जगह को कहते हैं, जिसके ठीक नीचे ज़मीन के अंदर प्लेटों की हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है। इसी जगह पर भूकंप का कंपन सबसे ज्यादा महसूस होता है। जैसे-जैसे यह कंपन केंद्र से दूर फैलता है, इसका असर धीरे-धीरे कम होता जाता है।
हालांकि, अगर भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 या उससे ज्यादा हो, तो केंद्र के आसपास करीब 40 किलोमीटर तक झटके काफी तेज़ महसूस होते हैं। यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि कंपन की दिशा कैसी है — अगर कंपन ऊपर की ओर है, तो इसका असर सीमित क्षेत्र तक रहता है, जबकि दायरे में फैलने पर ज्यादा बड़ा क्षेत्र प्रभावित हो सकता है।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है इसका पैमाना?
भूकंप की तीव्रता मापन के लिए रिक्टर पैमाने (आधिकारिक रूप से रिक्टर परिमाण स्केल के नाम से जाना जाता है) का प्रयोग किया जाता है। यह एक लघुगणकीय पैमाना है जो भूकंपीय तरंगों के आयाम को 1 से 9 तक की संख्यात्मक रेटिंग में मापता है, जहाँ प्रत्येक पूर्णांक वृद्धि भूकंपीय ऊर्जा में लगभग 32 गुना वृद्धि को दर्शाती है।
भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा बाहर निकलती है, उसकी ताकत यानी तीव्रता रिक्टर स्केल से मापी जाती है। इसी तीव्रता के आधार पर यह तय होता है कि भूकंप के झटके कितने गंभीर और भयावह होंगे।