सावन के पहले दिन ऐसे करें शिवजी की पूजा, जानें सही विधि, मंत्र और भोग

सावन का पवित्र महीना पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित होता है और शिव भक्तों के लिए यह बेहद खास माना जाता है। आज से सावन की शुरुआत हो रही है। इस मौके पर श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से भोलेनाथ और माता पार्वती की विधिवत पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आइए जानें इस दिन पूजा की सही विधि, मंत्र और भगवान शिव को प्रिय भोग।
धर्म डेस्क | नेशनल खबर
सावन का महत्व
सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव धरती पर आकर अपने भक्तों के कष्ट हरते हैं। इसलिए इस पूरे माह भक्त शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और व्रत-पूजा करते हैं।
पूजा सामग्री:
भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग
जल
बिल्व पत्र
धतूरा
भांग
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)
चंदन, रोली, अक्षत (चावल)
फूल
धूप और दीप
फल और मिठाई
पूजा विधि:
- पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल और फूल लेकर संकल्प लें।
- शिवलिंग पर शुद्ध जल चढ़ाएं।
- फिर पंचामृत से अभिषेक करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- पंचामृत के बाद स्वच्छ जल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
- चंदन, रोली और अक्षत अर्पित करें।
- आक, कनेर और बिल्व पत्र चढ़ाएं, ये भगवान शिव को प्रिय हैं।
- धूप और दीप जलाकर शिव-पार्वती की आरती करें और क्षमा प्रार्थना करें।
शिव पूजन मंत्र:
ॐ नमः शिवाय॥
ॐ पार्वतीपतये नम:॥
मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम्।
तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
भगवान शिव को प्रिय भोग:
भोलेनाथ को खीर, बेल का फल, सफेद मिठाई और ठंडाई अर्पित करना शुभ माना जाता है।
भगवान शिव को प्रिय फूल:
आक, धतूरा, शमी, बिल्व पत्र, कनेर, चमेली और सफेद फूल भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं। श्रद्धा भाव से ये फूल अर्पित करने पर शिव कृपा अवश्य प्राप्त होती है।
इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।