
बीसीएएस ने आदेश में कहा, “…सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में तुरंत रद्द की जाती है।” तुर्किये की सेलेबी समूह की इस कंपनी को सुरक्षा मंजूरी नवंबर 2022 में मिली थी।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को तुर्किये की कंपनी सेलेबी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र बीसीएएस द्वारा उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के आदेश को चुनौती दी थी। जस्टिस सचिन दत्ता ने 23 मई को इस पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने 15 मई को सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। यह फैसला उस समय आया जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमलों की निंदा की थी।
पक्ष और विपक्ष की दलीलें
“सेलेबी समूह की दो कंपनियाँ – एयरपोर्ट सर्विसेज और दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट – भारत के कई हवाई अड्डों पर ग्राउंड स्टाफिंग और माल परिवहन सेवाएं संचालित करती हैं।”
केंद्र सरकार के वकील ने दलील दी कि यह कार्रवाई विमानन सुरक्षा के प्रति खतरे को देखते हुए की गई। वहीं सेलेबी के वकील ने इसे न्याय के सिद्धांतों और विमान सुरक्षा नियमों का उल्लंघन बताते हुए कहा कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक को कार्रवाई से पहले याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का मौका देना चाहिए था और कारण बताना चाहिए था।
‘मंजूरी रद्द करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी’
19 मई को केंद्र ने बताया कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया, क्योंकि कुछ इनपुट के मुताबिक मौजूदा हालात में”इन कंपनियों का संचालन जारी रखना जोखिमपूर्ण था। सेलेबी भारतीय विमानन क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों से सक्रिय है और देश के नौ हवाई अड्डों पर 10,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ सेवाएं प्रदान कर रही थी।”
बीसीएएस ने क्या कहा?
अपने आदेश में बीसीएएस ने कहा, “… सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रद्द की जाती है।” तुर्किये की इस कंपनी को सुरक्षा मंजूरी पहली बार नवंबर 2022 में दी गई थी।