Thursday, March 28, 2024
National

अफगानिस्तान पर खास रिपोर्ट, तारीखों में कैद हुई हर एक चाल

रिपोर्ट- भारती बघेल

15 अगस्त 2021 का दिन अफगानिस्तान में एक नया शासन लेकर आया। और ये शासन था तालिबान का। जी हां सही सुना आपने अब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है।20 साल बाद एक बार फिर अफगानिस्तान में तालिबान लौट आया है। बेशक अफगानिस्तानी आवाम ने इसकी कल्पना न की हो लेकिन यही आज की हकीकत हैV अफगानी आवाम के दर्द-ए-गम से हर कोई वाकिफ है। बच्चे, महिलाएं, पुरुष हर कोई परेशान है। लोग अपनी जान बचाने के लिए एक महफूज कोना ढूंढ रहे हैं। प्लेन का पीछा लोग इस कदर कर रहे हैं जैसे कोई बस का पीछा करता हो। प्लेन के अंदर की भीड़ को देखकर आपको लगेगा जैसे किसी पैसेंजर ट्रेन का दृश्य हो। अफगानी महिलाएं पूरी दूनिया से मदद की गुहार लगा रही हैं। छोटी – छोटी बच्चियों की आंखों में मौत का खौफ साफ नजर आ रहा है। लेकिन सवाल ये उठता है कि देखते ही देखते ये स्थिति इतनी कैसे बदल गई। तो चलिए हम आपको अब विस्तार से बताते हैं।

14 अप्रैल 2021
जरा इस तारीख पर गौर फर्माइए। गौर इसलिए क्योंकि यही वो दिन था जहां से तालिबान की जीत के द्वार खुले। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसी दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान कर दिया था कि 1 मई से अमेरिकी फौज अपने देश वापस आएंगी।और 31 अगस्त तक अमेरिका का अफगानिस्तान में तैनात हर एक सिपाही वापस लौट आएगा। वहीं इसी ऐलान के बाद तालिबान ने सत्ता में आने के सपने सजा लिए।

4 मई 2021
ये वो दूसरी तारीख है जब तालिबान ने अफगामिस्तान की सरकारी फौज के खिलाफ सैन्य अभियान शुरु कर दिया। और ये अभियान 6 प्रंातों में एक साथ शुरु किया गया।

11 जून 2021
ये वो तारीख है जब तालिबान ने काबुल के पास के जिले नेर्ख पर कब्जा कर लिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस वक्त अफगानिस्तान की सरकारी फौज और तालिबान के बीच टक्कर की जंग चल रही थी।

22 जून 2021
इस दिन अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने ने जानकारी दी कि तालिबान ने 370 जिलों में से 50 जिलों पर अपना कब्जा जमा लिया है। वहीं पूरी दुनिया को भी ये आभास हो गया कि तालिबान लगातार अपनी पकड़ बना रहा है।

2 जुलाई 2021
अमेरिकी फौज ने रातोंरात बड़ी ही खामोशी से बगराम हवाई अड्डे को खाली कर दिया। जिससे तालिबान को खुली छूट मिल गई और फिर वो पहले से भी ज्यादा आक्रामक हो गया।

5 जुलाई 2021
एक के बाद एक तालिबान ने कई शहरों पर कब्जा कर लिया। वहीं तालिबान ने ये भी कहा कि अगस्त की शुरुआत में ही वो अफगानी सरकार को शांति का प्रस्ताव भेजेंगे।

6 अगस्त 2021
इस दिन तालिबान ने निमरुज प्रांत की राजधानी जरांज को अपने कब्जे में कर लिया। इसके साथ ही आपको बतादें कि ये राजधानी कई सालों बाद हाथ लगी है।वहीं ये राजधानी दक्षिण में ईरान से लगती सीमा पर बनी हुई है।

13 अगस्त 2021
इस तारीख का जिक्र हमने इसलिए किया क्योंकि इस दिन तालिबान ने कंधार पर कब्जा कर लिया था।आपको बतादें कि कंधार अफगानिस्तान का दूसरा शहर है। वहीं इसके पश्चिम में स्थित हैरात पर तालिबान ने अफगान सेना से छीन लिया ।

14 अगस्त 2021
इस दिन तालिबानियों ने उत्तर के सबसे बड़े शहर पर अपना झंडा लहरा दिया। इस शहर का नाम है मजार-ए-शरीफ। इसी दौरान अमेरिका ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों को निकालने के लिए और ज्यादा संख्या में सैनिकों को भेज रहा है। वहीं दूसरी ओर तालिबानी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की ओर बढ़ रहे थे। और जलालाबाद में उनका विरोध नहीं हुआ। और इस तरह बड़ी आसानी से तालिबानियों ने जलालाबाद को भी अपने कब्जे में ले लिया।

15 अगस्त 2021
हम इस दिन अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे थे। और इसी दिन तालिबानियों ने काबुल पर फतह हासिल कर ली। काबुल हाथ लगते ही पूरे अफगानिस्तान पर तालिबानियों का कब्जा हो गया। जैसे ही तालिबानियों का काबुल में एंट्री हुई वैसे ही राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए।इसी के साथ साथ अमेरिका और बाकी देश के कर्मचारी भी काबुल से निकल गए।

इस अफरातफरी में अफगानिस्तान ने बहुत कुछ खो दिया। सुख चैन सब तालिबान बहा कर ले गया। जान बचाते बचाते भी लोगों की जानें चली गईं। खबर ये भी है एक अफगानी फुटबॉलर की विमान से गिरकर मौत हो गई। दरअसल बताया जा रहा है कि विमान में जगह न मिलने के चलते विमान के परों पर चढ़ गया था। जैसे ही विमान ने उड़ान भरी वो नौजवान फुटबॉलर ऊपर से नीचे गिर गया और उसकी मौत हो गई।वहीं इस फुटबॉलर का नाम जकी अनवरी बताया जा रहा है,जोकि राष्ट्रीय युवा टीम के लिए फुटबॉल खेलता था। इस अफरातफरी में न केवल जकी अनवरी बल्कि कई लोगों की मौत हो चुकी है। सी-17 अमेरिकी विमान के पहियों से मानव शरीर के टुकड़े भी चिपके मिले हैं। वहीं अमेरिकी विमान के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि अब तब 18 हजार अफगानी नागरिकों को काबुल से निकाल लिया गया है। लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग काबुल से निकलने की कोशिश में लगे हैं।

अलकायदा ने दी तालिबान को बधाई
जिसका डर था वही हो रहा है। आतंकवाद का साया धीरे धीरे फैलता नजर आ रहा है। अफगानिस्तान पर तालिबान की जीत के लिए अलकायदा ने तालिबान संगठन को बधाई दी है। और न सिर्फ आतंकी संगठन अरब प्रायद्वीप अलकायदा ने बल्कि अन्य आतंकी समूहों ने भा तालिबान की प्रशंसा की है।

अफगानिस्तान से अपने मुल्क लौट रहे लोग
अफगानिस्तान में तालिबान के राज के बाद बाकी मुल्कों के रह रहे लोग अब अपने अपने देश वापस लौट रहे हैं। इसी कड़ी में भारत का भी नाम है। भारत भी अपने लोगों को निरंतर वहां से लाने में लगा है।बात अगर आज ही की करें तो आज भी अफगानिस्तान से 78 लोग भारत लाए गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से 16 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। कोरोना संक्रमण की इस खबर ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। साथ ही आपको बता दें कि इन सभी 78 लोगों को क्वारंटीन कर दिया गया है। जो 16 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें तीन व्यक्ति अफगानी सिख हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी एयरपोर्ट पर इनके संपर्क में आए।और फिर वो भी कोरोना से संक्रमित हो गए। वहीं हरदीप पुरी के मुताबिक अब तक अफगानिस्तान से 228 भारतीय नागरिकों समेत अभी तक 626 लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। इनमें 77 अफगानी सिख भी शामिल हैं।

ये वही है 1996 वाला तालिबान
अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा करने के बाद बातें तो बेशक बड़ी बड़ी की, लेकिन पूरी करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है।आज भी ये तालिबान बहुत खूंखार है।आज भी वो महिलाओं का हक दबा रहा है और ये हम नहीं कह रहे बल्कि खुद अफगानी महिलाएं खुद की वीडियो बनाकर पूरी दुनिया के सामने इसका जिक्र कर चुकी हैं। कई वीडियोज ऐसी आ चुकी हैं जिसमें तालिबानी पार्लर के बाहर कालिक पुतवा रहे हैं वहीं सख्ची से बुरखा पहनने की बात की है। तालिबान ने साफ शब्दों में कह दिया है कि महिलाओं को शरिया कानून मानना पड़ेगा। और इस कानून का मतलब ही आजादी का छिन जाना।महिलाएं बच्चियां सब डरी हुई हैं। न्यूज चैनल में जितनी भी महिला एंकर्स थी उन सभी पर तालिबान ने रोक लगा दी है।दफ्तर या स्कूल कहीं भी जाने की इजाजत नहीं है। और जो महिलाएं तालिबानियों की बात नहीं मान रही हैं, उनके साथ साथ उनके पूरे परिवार पर तालिबान जुर्म कर रहा है। ऐसे में सभी अफगानी महिलाएं पूरी दुनिया से मदद की गुहार लगा रही हैं।

सभी अफगानी महिलाओं का यही कहना है कि चाहे तालिबान लाख दावे कर रहा हो दुनिया के सामने मगर जमीनी हकीकत उससे बेहद जुदा है। तालिबान बदला नहीं है ये वहीं 1996 वाला तालिबान है जिसने सत्ता हाथ में आते ही महिलाओं के हक को कुचल कर रख दिया था। आज भी ये तालिबान महिलाओं और मासूमों पर जुल्म ढाता है। आज भी ये 1996 की तरह क्रूर है।

तालिबानियों की अजीबोगरीब हरकतें
आमतौर पर जब किसी पार्टी के हाथ सत्ता आती है तो शपथ लेने के साथ साथ और कई सारे काम किये जाते हैं लेकिन बात अगर तालिबान की हो तो कुछ तो अलग होगा। मगर जो हुआ उसकी तो किसी ने कल्पना ही नहीं की थी। सोशल मीडिया और टीवी चैनलों के माध्यम से पूरी दुनिया ने देखा। जिस तरह से वो जिम में मस्ती कर रहे थे ऐसा लग रहा था मानो जिम को पहली बार देखा हो। बच्चों वाली गाड़ियों पर झूलकर तो तालिबानियों ने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था। जश्न मनाने के ये अजीबोगरीब दृश्य देखकर पूरी दुनिया हैरान थी।

क्या रहा है अफगानिस्तान का इतिहास
चलिए अब हम आपको अफगानिस्तान का इतिहास बताते हैं कि अफगानिस्तान का निर्माण कैसे हुआ। आपको सुनकर हैरानी होगा कि एक समय पर अफगानिस्तान न केवल हिंदू राष्ट्र बल्कि हिंदुस्तान का ही हिस्सा था। जब अंग्रेजों ने भारत पर आक्रमण किया तो ज़ाहिर सी बात है कि अफगानिस्तान भी उनके नियंत्रण में आ गया और भारत से ही इस पर शासन किया। लेकिन 1893 में सर मॉर्टीमर डूरंड ने भारत और अफगानिस्तान के बीच एक रेखा खींच दी और यही रेखा डूरंड रेखा के नाम से जानी गई। और बात अगर इस रेखा के वर्तमान की करें तो ये रेखा अब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच में है। ये तो रही अफगानिस्तान के इतिहास की बात लेकिन अफगानिस्तान का महाभारत से भी बहुत गहरा संबंध है। इतना ही नहीं यहां से ऐसे कई साक्ष्य मिले हैं जिनसे साबित होता है कि अफगानिस्तान पहले एक हिंदू राष्ट्र था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *