Saturday, July 27, 2024
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आज प्रमुखस्वामी महाराज का आबूधाबी में मंदिर बनाने का स्वप्न साकार हुआ”- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र

  • विश्व के इतिहास का स्वर्णिम प्रसंग : अरबदेश में विराट हिंदू मंदिर
  • अबूधाबी में महंतस्वामी महाराज ने की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
  • प्रेम, सद्भावना और शांति का प्रतीक – अबूधाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर
  • UAE के सहिष्णुता मंत्री शेख़ नाह्यान की उपस्थिति में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और महंतस्वामीजी महाराज ने किया मंदिर का लोकार्पण   

Written By: National Khabar

14 फ़रवरी 2024, आबूधाबी

 बसंत पंचमी के मांगलिक दिन पर अबूधाबी में नवनिर्मित बीएपीएस हिंदू मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव महंतस्वामी महाराज के कर कमलों से सम्पन्न हुआ। संध्या को  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने महंतस्वामीजी की निश्रा में मंदिर का लोकार्पण किया I इस अवसर पर देश विदेश के हज़ारों भक्त उपस्थित रहे, जिसमें विदेश मंत्री, जयशंकरजी, भारत के राष्ट्रीय सलाहकार अजित दोवलजी, अभिनेता अक्षय कुमार और विवेक ओबेरोय शामिल थे।

इस अवसर पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मंदिर के प्रांगण में हज़ारों भक्तों और संतों द्वारा  स्वागत  किया गया I बीएपीएस के आध्यात्मिक गुरु तथा प्रमुख परम पूज्य महंतस्वामी जी महाराज ने उनका भावपूर्ण अभिनंदन किया I

नागर शैली में बना यह मंदिर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अटूट मैत्री का प्रतिबिम्ब है I इस आध्यात्मिक स्थल का आधार “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना है I परिसर में बीएपीएस के वरिष्ठ संतों ने मंदिर की विशेषताओं का वृत्तांत प्रस्तुत किया जिसे माननीय प्रधानमंत्री जी ने मंदिर के प्रत्येक पहलू को ध्यानपूर्वक देखा और सुना I

उच्च शंखनाद और मधुर मंत्रोच्चारण के बीच श्री मोदी ने पवित्र कुंड में जल अर्पण किया और फिर मंदिर के मध्य खंड में प्राण – प्रतिष्ठित मूर्तियों के समक्ष आरती- गान  किया I श्री मोदी ने स्वामिनारायण भगवान का जल-अभिषेक कर अपनी भक्ति प्रकट की और  गुरुपरंपरा की मूर्तियों के समीप हस्तबद्ध और नतमस्तक होकर आशीष प्राप्त  किये I

इस मंदिर निर्माण में अपना महत्वपूर्ण समर्पण और योगदान देने वाले स्वयंसेवकों से श्री मोदी ने रुचिकर  भेंटवार्ता की I मान्यवर ने उन बालकों को भी प्रोत्साहित किया जिन्होंने मंदिर के अनुपयोगी पत्थरों पर विभिन्न स्मृतिचिह्नों की रचना की थी I प्रधानमंत्री जी ने स्वयं उत्साहपूर्वक हथौड़े और छैनी से पाषाण पर “वसुधैव कुटुम्बकम्”अंकित किया I

ततपश्चात, मंदिर के लोकार्पण समारोह का शुभारंभ हुआ I इस समारोह में दोनों देशों के अति विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया I माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत का नेतृत्व किया तथा आदरणीय शेख नाह्यान बिन मुबारक अल नाह्यान, सहिष्णुता मंत्री , संयुक्त अरब अमीरात  उपस्थित थे I इस अवसर पर संस्था के सद्गुरु संत एवं संस्था के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रभारी संत पूज्य ईश्वरचरणदास स्वामी जी ने प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट किया जिनके योगदान से आज इस मंदिर का साकार रूप विश्व को देखने को मिला है I श्री मोदी इस संरचना से प्रारम्भ से ही संलग्न रहे और आज उनके हितों  के लिए ही वे अबूधाबी पधारे थे I

इस मंदिर की परियोजना के प्रभारी संत पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी जी ने बताया कि माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी अबूधाबी में केवल मंदिर के उद्घाटन के लिए ही नहीं अपितु इस मंदिर के अभिन्न भाग बनने हेतु यहां पधारे हैं I जब वे मन्दिर परिसर में दर्शन कर रहे थे तब वहाँ की कला और वास्तुकला के प्रति उनकी रुचि, उनका समर्पण, लगाव देख कर ऐसा लगा मानों वे इस मंदिर के आदर्श पुजारी है I आज, वे  आधुनिक भारत के वास्तुकार है जिसका कारण उनकी करिश्मायी छवि से अधिक उनका सुदृढ चरित्र है I जो व्यक्ति आज भारत की संस्कृति की पहचान विश्व  में बता सकता है और दिखा सकता है तो वह हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी हैं I यह उनकी इच्छा थी कि अबूधाबी के मंदिर की नींव “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना पर रखी जाए I आगे, स्वामी  ने संयुक्त अरब अमीरात के सहिष्णुता मंत्री के विषय में कहा कि कोई भी शब्द उनके प्रति हमारे आभार को व्यक्त करने में समर्थ नहीं है I मंदिर निर्माण की संपूर्ण अवधि में माननीय मंत्री काअटूट सहयोग रहा है I स्वामी ने यह निष्कर्ष बताया कि आज यह मंदिर परम पूज्य  महंतस्वामीजी महाराज की आध्यात्मिकता, भारत के माननीय प्रधानमंत्री की निष्ठा तथा अबूधाबी के शासको की निष्ठा उदारता का उत्कृष्ट परिणाम है I

जिस प्रकार सूर्य, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश किसी के नहीं है लेकिन उनका प्रयोग सभी द्वारा किया जाता है इसी प्रकार यह मंदिर भी किसी के स्वामित्व में नहीं है और यह सभी के लिए बना है I स्वामी ने अपने वक्तव्य के अंत में संयुक्त अरब अमीरात की सरकार के प्रति हृदयस्पर्शी कृतज्ञता व्यक्त की I

इस अवसर पर शेख़ नाह्यान ने प्रधानमंत्री जी, महंतस्वामी महाराज तथा भारतीय नागरिकों का आभार प्रकट किया।

भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान को इस मंदिर के निर्माण हेतु दिए गए हर प्रकार के सहयोग की सराहना की और उनका धन्यवाद दिया I मोदी जी ने बताया कि प्रमुखस्वामी जी के इस मंदिर निर्माण के संकल्प से लेकर आज इसके साकार होने तक की यात्रा में वे इससे जुड़े रहे है I आज, बसंत पंचमी के पवित्र त्यौहार के दिन जो की शास्त्री जी महाराज की जन्म जयंती तथा माँ सरस्वती का पर्व भी है। पर इस मंदिर के उद्घाटन के उपलक्ष में यहाँ के माननीय राष्ट्रपति की उदारता का पूरे विश्व को परिचय हुआ है I इस मंदिर निर्माण में संयुक्त अरब अमीरात की सरकार की भूमिका की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है I वर्ष 2015 में जब महामहिम राष्ट्रपति से मंदिर बनाने हेतु चर्चा का आरंभ हुआ तब उनका कहना था कि अबूधाबी में जो मंदिर बने वह पूरे वैभव और गौरव के साथ बने, जो मंदिर बने वह मंदिर जैसा दिखे और ऐसी उदारचेता की झलक इस मंदिर में दृष्टिगोचर होती है I इसके लिए आज हम सब माननीय राष्ट्रपति को खड़े होकर सम्मानित करते हैंI

अरब और भारत के रिश्ते हजारों वर्ष पुराने हैं और आज इस घनिष्ठ मैत्री का नया सूत्रधार यह मंदिर है I यह केवल एक उपासना स्थल नहीं है अपितु दोनों देशों की सांझी विरासत   और आध्यात्मिक भावनाओं का प्रतीक है I  इसमें बीएपीएस के संतों और स्वयंसेवकों के अथक परिश्रम की मैं सराहना करता  हूँ I इस संस्था का प्रबंध कौशल, व्यवस्था संचालन, सभी के लिए संवेदनशीलता अनुकरणीय है I  

मैं गर्व से कहता हूँ कि मैं माँ भारती का पुजारी हूँ और140 करोड़ भारतीय मेरे आराध्य देव हैं  I इस मंदिर को मैं पूरी मानवता को समर्पण करता हूँ I

बीएपीएस के अध्यक्ष परम पूज्य महंतस्वामीजी महाराज, जो  एक विश्व विख्यात धर्मगुरु हैं, ने अपने संबोधन में आज के इस अवसर को ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय घटना बताया I उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आगमन को और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति तथा सहिष्णुता मंत्री के सहयोग को नमन किया I उन्होंने इस मंदिर को मरुस्थल में एक कमल की उपमा दी और कहा कि यहां आनेवाले सभी अंतर में शांति का अनुभव करेंगे I यह मंदिर प्रेम, शांति तथा सद्भावना का प्रतीक है, वह प्रेम जो निस्स्वार्थता पर आधारित है, वह शांति जो भगवान में अटल विश्वास पर आधारित है तथा वह सद्भावना जिससे दूसरों के सुख में अपने सुख का अनुभव हो I परम पूज्य स्वामी श्री ने प्रार्थना की कि यह मंदिर दोनों देशों के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व में शांति. समृद्धि तथा प्रगति का संचार करे I   

उपस्थित अतिथियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच समारोह का समापन हुआ I आज मानवजाति को एक ऐसा स्थल समर्पित हुआ जो आने वाली सदियों तक सभी को  प्रेम, शांति और समरसता की माला में पिरोय  रखेगा I

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