केजरीवाल की नई शराब नीति से कारोबारियों का मुनाफा 1000% बढ़ा…जांच रिपोर्ट में खुलासा!
रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा
देश में कुछ समय से दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नई आबकारी नीति को लेकर सीबीआई की जांच काफी तेजी से चल रही है ।हर दिन एक न एक नया पहलू नजर आता है ,लेकिन दावा हमेशा यही रहा है की नई आबकारी नीति बहुत ज्यादा फायदेमंद है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कभी भी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तारीफ करने में या उनका साथ देने में पीछे नहीं रहते पंजाब ,गुजरात या अन्य जगहों पर जाकर हमेशा बनाई गई पॉलिसीज का प्रचार करते रहते है ऐसा ही कुछ नई आबकारी नीति के साथ भी किया गया। लेकिन ये अंदेशा भी अब लगाया जा रहा है की नई आबकारी नीति को जानबूझकर ऐसा बनाया गया जिससे की कारोबारियों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो सके। ये मुनाफा कितना हो सकता है इसे समझिए:-
- नई आबकारी नीति से रिटेल शॉप्स को 1000% तक का मुनाफा हुआ है।
- दिल्ली सरकार ने इस नीति को जानबूझ कर ऐसा बनाया।
- नई आबकारी नीति से 10 गुना ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके।
विस्तार
पिछली आबकारी नीति में साल 2020 से 21 के बीच कुल 938.28 करोड़ ₹ कमाए गए थे। वहीं मनीष सिसोदिया द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति में रिटेलर्स का मुनाफा 10 गुना हो जाता। 2021-22 के के बीच में मनीष सिसोदिया द्वारा लाई गई नीति के चलते शराब विक्रेता रिटेलर का मार्जिन 989 करोड़ ₹ रही थी। जांच एजेंसियों के द्वारा यह पता लगाया गया कि इस नीति को जानबूझकर बनाया गया था जिससे कि रिटेलर्स को ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट हो सके।
चलिए जाने की कोशिश करते हैं कि आर्टिकल में आबकारी नीति के चलते कितना लाभ और कितना नुकसान शामिल है।
( R.k ब्रांड की 750 ml की बॉटल की कीमत)
नई नीति। पुरानी नीति
- बॉटल की कीमत। 530 ₹cr 560₹cr
- रिटेल मार्जिन। 33.35 ₹cr 337₹cr
- एक्साइज ड्यूटी। 223.89 ₹cr 1.89₹cr
जांच में सामने आया है कि नई आबकारी नीति के तहत शराब विक्रेता रिटेलर्स का मुनाफा 989 % तक बाढ़ गया। जांच एजेंसियों को यह शक भी है कि इस नीति के तहत कमाए गए पैसों को सरकार को रिश्वत के तौर पर भी दिए जा रहे थे। सीबीआई की जांच के बाद मनीष सिसोदिया ने दावा भी किया था कि उनकी बनाई गई नीति देश के लिए काफी लाभकारी होगी।
सरकारी खजाने का नुकसान
अटकलें यह भी लगाई जा रही थी कि कहीं ना कहीं नई आबकारी नीति के चलते सरकारी खजाने को नुकसान पहुंच सकता था क्योंकि इस नीति में प्राइवेट कंपनीज को अपने हिसाब से रेट फिक्स करने की छूट दी जा रही थी और अगर ऐसा किया जाता तो सरकार को इसे रोकने में काफी ज्यादा नुकसान होता और केंद्र सरकार के खजाने में इस नीति के कारण काफी प्रभाव भी पड़ सकता था। जांच एजेंसियों के द्वारा यह बताया गया है कि आबकारी नीति के चलते रिटेलर्स का मुनाफा करीबन 10 गुना से ज्यादा बढ़ गया था। इस बात का पता चलती ही सीबीआई की टीम ने जांच शुरू कर दी थी जिसके बाद ही पता चला कि आप नेताओं को उनके बैंक अकाउंट में 1 करोड़ रुपए और 4 करोड रुपए नगद दिए गए थे। वहीं बीजेपी नेताओं का दावा भी है की करोड़ों का घोटाला किया गया है।