गरजता समंदर, बरसता आसमान… गुजरात में दिखा बिपारजॉय तूफान का भयानक मंजर
रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा
बिपारजॉय तूफ़ान के कारण मौसम विभाग की तरफ से चेतावनी जारी कर दी गयी है की कोई भी अपने घर से बाहर ना निकले | गुजरात में आने वाले तूफ़ान को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं | जिसमें सबसे पहले…
1- गुजरात में जहाँ 18 NDRF की टीमें मौजूद हैं तो वहीँ केंद्र शासित प्रदेश दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के दीव में एक दल को भेजा गया है|
2- गुजरात के पोरबंदर , जामनगर , द्वारका और कच्छ सहित कई जगहों पर NDRF की टीमों को तैनात कर दिया गया है | इसी के साथ ही NDRF की 14 टीमें पडोसी राज्य महाराष्ट्र में तैनात की गयी है |
3- गुजरात सरकार ने मछली पकड़ने वाली नाव को तटों पर खड़ा कर दिया है| वहीं बड़े जहाजों को गहरे समंदर में भेज दिया है जिससे तूफ़ान से उन्हें कोई नुकसान ना हो सके |
4- चार हज़ार होर्डिंग को भी हटा दिए गए हैं जिससे उनके हवा में उड़ने और लोगों को चोट लगने की सम्भवना कम हो जाए |
5- 74000 लोगों फ़िलहाल के लिए सुरक्षित जगहों पर पंहुचा दिया गया है |
IMD के जनरल डायरेक्टर ने तूफ़ान के बारे में क्या कहा
IMD के जनरल डायरेक्टर मृत्युंजय महापात्र ने तूफ़ान को लेकर जामनगर , पोरबंदर, कच्छ और राजकोट जैसे कई इलाकों से लोगों को घर से निकलने को मन किया है | वहीं पर 16 तारीख की सुबह तक तट पर ना जाने की अपील की है | उन्होंने बताया की वास्तविक लैंडफॉल शाम को शुरू होगी और देर रात तक चलेगी |फ़िलहाल गुजरात में हवाएं 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफतार से चलने की बात कही और नॉर्थ ईस्ट में भी यही रफ़्तार बरकरार रहेगी इसके बाद इस तूफ़ान के 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने की बात कही है | पहले तो आशंका जताई जा रही थी की शाम 5 बजे से लैंडफॉल शुरू हो जएगी लेकिन इसके देर से आने की खबरें भी साफ हो चुकी है शायद रात के समय ये तूफ़ान तट से टकरा सकता है|
बिपरजॉय क्यों रखा गया नाम ?
दरसल दक्षिण पूर्वी सागर के ऊपर एक डीप डिप्रेस्शन बना था जो अब एक भयंकर तूफ़ान में बदल चूका है | तेजी से भारत , बांग्लादेश और पाकिस्तान के कई राज्यों की तरफ बढ़ रहा है | पाकिस्तान में सिंधु इलाके में इसका असर कुछ ऐसा है की अलर्ट जारी कर दिया गया है | इस बार के तूफ़ान का नाम बांग्लादेश ने रखा है जिसका बंगाली भाषा में मतलब ख़ुशी होता है | तूफ़ान का नाम रखने के लिए एक संस्था का संगठन किया गया जो साल में बारी बारी आने वाले तूफ़ान का नाम रखते हैं | इसमें फ़िलहाल 13 देश शामिल हैं |