छठ का पर्व इसलिए है सबसे खास- जानिए पूरी रिपोर्ट
रिपोर्ट : ज्योति पटेल, नेशनल धर्म
धर्म बिहार का प्रसिद्ध त्योहार छठ पूजा होता है सबसे कठिन और सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा है, आपने हमेशा सूर्य देव को उगते हुए पूजा की होगी लेकिन क्या आपने कभी सूर्य देव की डूबते हुए पूजा की है बिहार में छठ पूजा मे सूर्य देव की डूबते हुए और उगते सूर्य की पूजा की जाती है छठ पूजा सिर्फ पर्व नहीं बल्कि लोगों के लिए यह एक इमोशन हैं
1- छठ पूजा में किसकी पूजा होती है?
छठ पूजा में सूर्य देवता और छठी माँ की पूजा होती है। इस त्यौहार को अलग-अलग राज्य में भी मनाया जाता है जैसे की बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व में सूर्य देवता की पूजा की जाती है जिससे शुभकामनाएं और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
2- छठ पूजा की मान्यताएं ?
इस पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देवता की पूजा, स्तुति और आराधना करके उनसे शक्ति, स्वास्थ्य, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति करना होता है। यह पर्व सूर्य के उत्सर्ग (राशि परिवर्तन) के समय मनाया जाता है और इसका माना जाता है कि छठी मां की कृपा से इस पूजा के अवसर पर सूर्य देवता की पूजा का विशेष महत्त्व होता है।
छठ पूजा अनुष्ठान के द्वारा लोग सूर्य देवता को स्नान, अर्घ्य, व्रत, और बिना खाने पीने के व्रत के माध्यम से पूजते हैं।इसका महत्व इसे सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पूजन संपन्न करने में होता है। यह पर्व जल और सूर्य देवता की कृपा की प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
3- छठ पूजा की विधि ?
छठ पूजा को कुछ स्थानों पर छठी मैया या सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।छठ पूजा में व्रत रखा जाता है और उसमें भक्त चार दिन तक सख्त नियमों का पालन करते हैं। पहले दिन भक्त उपवास करते हैं, दूसरे और तीसरे दिन व्रती भोजन तैयार करते हैं और छठी माँ के मंदिर जाते हैं। चौथे दिन, सूर्योदय पर भक्त जल में स्नान करते हैं और अनंत चालीसा का पाठ करते हैं। छठ पूजा में व्रती सूर्य के उदय और अस्त समय में उसका पूजन करते हैं और मां छठी के लिए अर्घ्य अर्पित करते हैं।