Saturday, July 27, 2024
HEALTH

डायबिटीज की जाँच को लेकर वैज्ञानिक डॉ. एस कुमार का बड़ा दावा, 90 फीसदी लोग बिना डायबिटीज ही ले रहे हैं गोलियां और इन्सुलिन !

रिपोर्ट: नेशनल खबर

●शुगर(डायबिटीज)●

शुगर या डायबिटीज का मुख्य कारण शरीर में इंसुलिन नहीं बनना माना जाता है जबकि ऐसा मात्र 10% लोगों में ही होता है और 90% लोगों में इंसुलिन बनने के बाद भी दवाईयाँ शुरू कर दी जाती है जो अन्य बीमारियों की जनक होती है
जबकि उन 90% लोगों को डायबिटीज की दवाईयों की जगह केवल इंसुलिन के प्रोपर जगह में पहुचने के अवरोध दुर करने की दवाईयाँ शुरू करनी चाहिए जो शायद किसी भी चिकित्सा पद्धति में होती ही नहीं है या होती है तो बनाई ही नहीं जाती क्योंकि इससे इस इंडस्ट्री को नुकसान हो सकता है, इसका मरीज प्रोडक्शन बंद हो सकता है
इसलिए हमें डायबिटीज का इलाज शुरू करने से पहले ये जान लेना अत्यंत आवश्यक है की हमारे शरीर में इंसुलिन बन रहा है या नहीं ?

★यदि हमारे शरीर में इंसुलिन बन रहा है तो हमें केवल उसे प्रोपर जगह पहुचने का इलाज करवाना चाहिए
★यदि हमारे शरीर में 1% भी इंसुलिन बन ही नहीं रहा तो ही हम डायबिटीज की श्रेणी में आते है और हमें प्रोपर इलाज की जरूरत है

हमारे शरीर में इंसुलिन की स्थिति जानने के लिए कुछ विशेष टैस्ट है जो डॉक्टर जानते ही नहीं और जानते है तो करवाते ही नहीं । यहाँ तक की डायग्नोस्टिक सेंटर वाले भी नहीं जानते ऐसा कोई टैस्ट होता भी है क्योंकि उन्होंने ने भी पहले कभी भी इस तरह के टैस्ट नहीं किये या यूं कहिये की किसी भी मरीज के लिए डॉक्टर ने पहले नहीं करवाये
इन सभी टेस्ट को जानने के लिए आप मुझे व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं।
*डायबिटीज (शुगर) की भ्रांतियां
डायबिटीज के लिए डॉक्टर केवल तीन टैस्ट लिखता है
● सुबह-सुबह खाली पेट Fasting
● खाना खाने के 2 घंटे बाद PLBS
● 3 महिने की एवरेज HbA1c
इन टैस्ट से डाक्टर डरा देते है की आपकी स्थिति खराब है आप को ताउम्र दवाई लेनी है या इंसुलिन लेना है
जबकि शरीर में इंसुलिन बन रहा है या नहीं इससे सम्बंधित टैस्ट नहीं करवाते (जो होते है) क्योंकि यदि इंसुलिन बन रहा हो तो वह मरीज उनसे इलाज नहीं लेगा और साधारण दिनचर्या बदल कर अपने आपको ठीक कर सकता है। यहाँ ये बताना जरूरी है जितने भी डायबिटीज की दवाईयाँ ले रहे है उनमें से मात्र 10% ही डायबिटीज की श्रेणी में आते है जबकि 90% नॉन डायबिटीज होते है, डायबिटीज दवाईयाँ से साइड इफेक्ट्स बहुत ज्यादा होते है जो बाद में पता चलते है जैसे हृदयाघात, किडनी, पैरेलैसिस अटैक आ जाना

आज डायबिटीज एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री बन गई है। जहाँ डॉक्टर व दवा प्रोडक्शन वाले अमीर बन रहे है और हर रोज मरीजों का प्रोडक्शन हो रहा है। डॉक्टर मरीज को डरा देते है और मरीज डर के रहते हुए डर-डर कर ही जीवन जीता है

यदि आप या आपके परिवार में कोई इस इंडस्ट्रीज का शिकार है और डॉक्टर ये कह रहा है की

जैसे…..
●आपकी डायबिटीज खत्म नहीं होगी ।
●आपको आजीवन दवाओं पर निर्भर रहना है।
● आपकी डायबिटीज वंशानुगत है, आपको रहेगी ही ।
● आपको इंसुलिन लेना होगा
●आपकी किडनी इफेक्ट हो रही है
● आपके युरीन में शुगर आ रही है

आप डायबिटीज के मरीज है या नहीं इसका पता आप स्वयं मात्र कुछ टेस्ट करके पता कर सकते है और मात्र कुछ महिनों के प्राकृतिक चीजों से इस मानसिक बिमारी से छुटकारा पा सकते है, कम से कम हमारे समाज को इस इंडस्ट्री से दूर करना है

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