नोएडा: 81 वर्षीय ‘डिजिटल रेप’ के आरोप में पकड़ा गया। जानिए इसका क्या मतलब है
रिपोर्ट: माही जैसवाल
उत्तर प्रदेश के नोएडा में 81 वर्षीय स्केच कलाकार को रविवार को 17 साल की एक लड़की के साथ सात साल से अधिक समय तक ‘डिजिटल रेप’ करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया। पीड़िता का परिवार आरोपी को कई सालों से जानता था और उसने अपनी बेटी को उसके साथ रहने और शहर में शिक्षा लेने के लिए भेजा था। तब से नाबालिग का युवक द्वारा यौन शोषण किया जा रहा था
आरोपी मौरिस राइडर को उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 323, 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया है। पिछले सात सालों में कई बार उस 17 साल की नाबालिक लड़की के साथ डिजिटल रेप करने का आरोप है।
लड़की को शुरू शुरू में विरोध करने से दर लगता था लेकिन पिछले कुछ दिनों से उसने सेक्सौल एडवांस की वीडियो बनाना शुरू कर दिया जो उस आदमी द्वारा उसके प्रति बनाया गया था। फिर उसने रिकॉर्ड किए गए सबूतों को उस आदमी के साथ रहने वाली एक महिला के साथ साझा किया जिसने फिर नोएडा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
डिजिटल रेप क्या है?
डिजिटल रूप से किए गए किसी भी यौन अपराध से संबंधित नहीं है। हालांकि यह सहमति के बिना दूसरे व्यक्ति के निजी अंगों के अंदर जबरन उंगलियों या पैर की उंगलिय को सम्मिलित करने के कार्य को संदर्भित करता है। अंग्रेजी भाषा के शब्दकोश में ‘डिजिट’ शब्द का अर्थ उंगली, अंगूठा और पैर का अंगूठा होता है, यही वजह है कि इस नियम को डिजिटल रेप के नाम से भी जाना जाता है ।
‘डिजिटल रेप’ को दिसंबर 2012 तक छेड़छाड़ माना जाता था और यह रेप के दायरे में नहीं आता था। 2012 में भीषण निर्भया सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद संसद में नए बलात्कार कानून लागू किए गए और इस नियम को यौन अपराध के रूप में बाटा गया है ।
डिजिटल रेप केस में सजा की मात्रा: डिजिटल बलात्कार सहित कई बलात्कार के मामले आमतौर पर करीबी लोगों द्वारा किए जाते हैं और डर और शर्मिंदगी के कारण रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं। बलात्कार कानूनों के बारे में जागरूकता भी बहुत कम है जिसके कारण कई मामले दर्ज नहीं हो पाते हैं। कानून के अनुसार, एक आरोपी को अदालत द्वारा पांच साल की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। कुछ मामलों में आजीवन कारावास के साथ सजा को 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है।