Saturday, July 27, 2024
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यूपी जनसंख्या नियंत्रण : 2 से अधिक बच्चे हुए तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

रिपोर्ट- भारती बघेल

यूपी में बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कानूनी उपाय खोजे जा रहे हैं। आपको बता दें कि राज्य विधि आयोग ने 2021 का पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसमें साफतौर पर कहा गया है कि अगर 2 से अधिक बच्चे होते हैं तो न तो सरकारी नौकरी में जगह दी जाएगी और न ही स्थानीय निकायों के चुनाव में। इसके साथ साथ सभी सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित कर दिया जाएगा। आयोग ने ये ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। वहीं 19 जुलाई तक जनता से इस बारे में राय भी मांगी गई है। आप भी अपनी राय आयोग द्वारा जारी की गई इस वेबसाइट http://upslc.upsdc.gov.in/ के जरिए दे सकते हैं।

यह ड्राफ्ट विधि आयोग ने ऐसे समय पर पेश किया है जब योगी सरकार दो दिन बाद जनसंख्या नीति लागू करने जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी ने समुदायों पर केंद्रित जनसंख्या कार्यक्रम अपनाने पर जोर दिया है। वहीं इस मामले में आयोग का कहना है कि यूपी में संसाधन सीमित है और आबादी दिन पर दिन बढ़ रही है। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कदम उठाना बहुत जरुरी हो गया है।

कानून का पालन करने वालों को कितने फायदे
अगर अभिभावक दो बच्चों तक ही सीमित रहते हैं और अगर वो सरकारी नौकरी में हैं तो उनका प्रमोशन जल्दी होगा। इसके साथ साथ और भी तमाम सुविधाएं उन अभिभावकों को दी जाएंगी। अगर ये कानून लागू हुआ तो एक साल के भीतर अधिकारी, कर्मचारियों के साथ साथ स्थानीय निकायों में चयन हुए जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना होगा। शपथ पत्र में ये लिखना होगा कि वो इस नीति का उल्लंघन नहीं करेंगे। वहीं अगर ये नियम टूटे तो निर्वाचन रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही साथ सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने का प्रस्ताव और बर्खास्त करने की बात भी इसमें कही गई है। और जो अभिभावक सरकारी नौकरी में नहीं हैं लेकिन उनके दो या दो से कम बच्चे हैं तो उन्हें पानी, बिजली, होम लोन, घर का टैक्स में छूट और तमाम तरह की सुविधाएं देने का प्रस्ताव है।

वहीं एक संतान पर अपनी इच्छा से नसबंदी करवाने वाले अभिभावकों को 20 साल तक फ्री इलाज, शिक्षा, सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। अगर कोई अभिभावक गरीब हैं और वो एक बच्चा होने के बाद अपनी इच्छा से नसबंदी कराते हैं तो लड़का होने पर उन्हें 80 हजार दिए जाएंगे और लड़की होने पर उन्हें 1 लाख रुपये सरकार की तरफ से दिए जाएंगे।

नियम तोड़े तो जाएगी नौकरी
कानून लागू होने के एक साल के भीतर ही सभी लोगों से शपथपत्र ले लिया जाएगा।और शपथ लेने के बाद अगर अभिभावक तीसरा बच्चा पैदा करते हैं तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।जनप्रतिनिधयों के ये खामियाजा निर्वाचन रद्द करेक देना होगा।सरकारी अभिभावकों को ये खामियाजा प्रमोशन खत्म करवाकर भुगतना होगा। वहीं अगर किसी के जुड़वा बच्चे होते हैं तो ऐसे केस कानून के दायरे में नहीं आएंगे। वहीं तीसरे बच्चे को गोद लिया तो भी कानून पर रोक नहीं लगेगी।

एक से अधिक विवाह करने वालों के लिए खास प्रावधान
अगर कोई व्यक्ति एक से अधिक विवाह करता है तो उसकी सभी पत्नियों को मिलाकर अगर उसके दो से अधिक बच्चे होते हैं तो उसे कानून से वंचित कर दिया जाएगा। वही एक महिला अगर एक से अधिक पुरुषों से विवाह करती है तो उसके सभी पतियों को मिलाकर अगर दो से अधिक बच्चें होते हैं तो उसे कानून से वंचित कर दिया जाएगा।

जस्टिस ए एन मित्तल सरकार को सौपेंगे ड्राफ्ट
जस्टिस ए एन मित्तल राज्य निधि आयोग के अध्यक्ष हैं। उनका इस कानून को लेकर कहना है कि कानून नीति तो आती है लेकिन बढ़ती जनसंख्या को रोकने का कोई कानून नहीं है।वहीं इन सभी सुझावों को अंतिम रुप देने के लिए हम सरकार को ये रिपोर्ट सौपेंगे।

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