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कनाडा में उड़ी ट्रुडो की खिली “भारत का मिजाज गर्म”

रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा


G20 सम्मेलन में विश्व के सभी दिगज नेताओं ने अपनी हाजरी लगाई। पूरे विश्व ने भारत के मेजबानी के तारीफ भी की , लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री को भारत में कुछ खास नज़र नहीं आया। इसे हम आसान भाषा में कहें तो भारत और कनाडा के कूटनीतिक रिश्ते फ़िलहाल अच्छे नहीं चल रहे हैं। दोनों ही देशों के बीच के मनमुटाव का कारण है “खालिस्तान”। पिछले चंद दशकों में खालिस्तानि समर्थकों द्वारा जो भारत विरोधी गतिविधियां की गयी हैं उनसे भारत नाराज़ है। भारत कई बार कनाडा सरकार से गुहार भी लगा चूका है। इन सभी घटनाओं को रोका जाए लेकिन ऐसा कनाडा सरकार करने में असमर्थ हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है वोट बैंक। कांडा में सबसे बड़ा वोट बैंक सिखों का है। ना सिर्फ ट्रुडो की लिबरल पार्टी के लिए बल्कि कंजर्वेटिव और जगमीत सिंह की नई डेमोक्रेटिक पार्टी के भी ये वोट काफी अहम है।
G20 सम्मलेन में प्रधानमंत्री मोदी से कुछ बातें सुनने के बाद कनाडा में भी अब जस्टिन ट्रुडो की जैम कर खिच्चाई की जा रही है। कनाडा का एक प्रमुख अख़बार टोरंटो सुन ने अख़बार के पहले पेज पर G20 में कैनेडियन प्रधानमंत्री और भारतीय प्रधानमंत्री की एक तस्वीर छापी है जिसमें प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो को आगे जाने के लिए हाथ बढ़ाते हैं जिसे अख़बार में कोर्ट किया जाता है “THIS WAY OUT ” यानि बहार जाने का रास्ता यहाँ से है। इसे एक मजाकिया लहजे में और एक ताने भरे लहजे में भी माना जा सकता है।


इसके साथ कहा गया ट्रुडो को G20 सम्मलेन में कुछ दोस्त तो जरूर मिले। उसी अख़बार में एक दूसरे रिपोर्ट में कहा गया ट्रुडो G20 के रात्रि भोज में भी अनुपस्थित थे साथ ही वो वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में भी मौजूद नहीं थे। इस मुद्दे को लेकर सफाई दी गयी की ट्रुडो को और अन्य भी कार्य थे। बहरहाल इन सभी चीजों को देख कर साफ समझा जा सकता है की कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक मसलों को लेकर रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। G20 के ख़त्म होने के बावजूद भी ट्रुडो भारत में ही हैं। उनके प्लेन में कुछ खराबी के कारण उन्हें हालिया भारत में ही रहना पड़ा। जल्दी ही बैकअप के लिए कनाडा से प्लेन भेजने की तैयारी की जा रही है।

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