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भूस्खलन से मौत का आकरा पहुँचा 100 के पार

वायनाड में भूस्खलन के बीच पीड़ितों का हाल जाने पहुँचे बंगाल के राज्यपाल

Written By: Prakhar Srivastava, National Khabar

केरल के वायनाड जिले में मंगलवार को मेप्पाडी के विभिन्न पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 158 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 128 घायल है। वहीं एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ और सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है। वायनाड में मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने कहा, ‘हम जो कुछ भी कर सकते हैं, हमने वह सब कुछ किया है। न केवल सरकारी बल बल्कि लोग भी इन जोखिम भरे अभियानों में भाग ले रहे हैं। 500 से अधिक लोग यहां हैं। हम अलग-अलग उप-समितियों में विभाजित हैं, अधिकारियों को व्यक्तिगत जिम्मेदारियां दी गई हैं।’

अमित शाह ने कहा, ‘मैं इसपर कुछ बोलना नहीं चाहता था, मगर भारत सरकार के अर्ली वॉर्निंग सिस्टम पर सवाल उठाए गए, इसलिए मैं कहता हूं कि कृपया हमें सुनें।जो चेतावनी भेजी गई है, उसे पढ़िए जरा। इस देश में कई राज्य सरकारें ऐसी हैं, जिन्होंने इस प्रकार की चेतावनी का उपयोग करके आपदा होने से बचाया है। ओडिशा में जब नवीन पटनायक जी की सरकार थी, तो हमने 7 दिन पहले साइक्लोन का अलर्ट भेजा, सिर्फ एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, गुजरात सरकार को हमने तीन दिन पहले साइक्लोन का अलर्ट भेजा, एक पशु भी नहीं मरा।’

वायनाड भूस्खलन पर लोकसभा में गृह मंत्री शाह ने कहा, ‘मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को पहले ही चेतावनी भारत सरकार की ओर से भेज दी गई थी, फिर 24 को, 25 को भी गई थी। 26 जुलाई को बताया गया कि 20 सेमी से ज्यादा वर्षा होगी, लैंडस्लाइड होने की संभावना है, भारी बारिश से लोगो और जान-माल को ख़तरा हो सकता है।

भारतीय मौसम विभाग ने मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पथनमथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। तिरुवनंतपुरम और कोल्लम में बारिश की कोई चेतावनी नहीं है

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