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राकेश टिकैत का, दिल्ली किसान आंदोलन पर बदलने
लगा है रुख, सरकार पर भी साधा निशाना

Kisan Andolan राकेश टिकैत ने कहा किसानों पर अत्याचार हुआ तो दिल्ली पहुंचने में देर नहीं लगेगी। मंगलवार को भाकियू (टिकैत) या किसी अन्य किसान संगठन कार्यकर्ता नहीं निकले दिल्ली की ओर। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर चुके हैं। किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर जुटे हैं।

Written By: Anshika Jha, Edited By: Pragya Jha

Highlights:

.संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया

.भाकियू (महात्मा) के पदाधिकारियों को पुलिस ने नजरबंद कर दिया

.राज्यों में हैं किसानों की समस्याएं

.दिल्ली की तरफ नहीं निकले हैं अभी कार्यकर्ता

.किसान आंदोलन के कारण से अलग-अलग सीमाओं पर पुलिस बल तैनात

भारतीय किसान मोर्चा (टिकैत) का रुख बदल रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के दिल्ली चलो कूच से खुद को अलग रखने के बाद, भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि वे इस आंदोलन में शामिल नहीं हैं।लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि सभी किसान हैं और सबकी अपनी समस्याएं हैं। यदि दिल्ली जा रहे किसानों पर अत्याचार हुआ, तो वह भी दिल्ली पहुंच जाएंगे।

किसान और दिल्ली हमसे दूर नहीं है।

यह बयान दर्शाता है कि भाकियू अब इस आंदोलन से पूरी तरह से अलग नहीं रहना चाहता। यह संभव है कि यदि दिल्ली में किसानों पर कोई अत्याचार होता है, तो भाकियू भी इस आंदोलन में शामिल हो सकता है।मंगलवार को एक ओर जहां पंजाब के किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे वहीं नरेश टिकैत शामली में एक शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त रहे जबकि राकेश टिकैत बेंगलुरु में थे।

राज्यों में हैं किसानों की समस्याएं:

राकेश टिकैत का कहना है कि अलग-अलग राज्य में किसानों की अपनी समस्याएं हैं। देश में बहुत संगठन हैं, सब अपने तरीके से कार्य कर रहे हैं। सरकार गलत कर रही है, दीवार बना रही है, सड़कों पर कील ठोक रही है। पाकिस्तान बार्डर पर भी तार और कील ठुकी है क्या? सरकार गलत तरीके से किसानों को रोकने का प्रयास कर रही है, किसानों से बातचीत होनी चाहिए। वैसे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया गया है।

दिल्ली की तरफ नहीं निकले हैं अभी कार्यकर्ता:

मंगलवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी बड़े किसान संगठन के कार्यकर्ता दिल्ली की ओर नहीं निकले। इससे पहले आंदोलन में मुजफ्फरनगर से भाकियू (महात्मा) की ओर से दिल्ली चलने का एलान किया गया था, लेकिन सोमवार की देर रात से ही भाकियू (महात्मा) के पदाधिकारियों को पुलिस ने नजरबंद कर दिया। इस संगठन के जिलाध्यक्ष शाकिर मुखिया को चरथावल स्थित आवास पर नजरबंद कर रखा गया। इनके आवास पर पुलिस तैनात रही।

किसान आंदोलन के कारण से अलग-अलग सीमाओं पर पुलिस बल तैनात:

किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा और दिल्ली से लगती बागपत की सीमाओं पर पुलिस बल तैनात है लेकिन फिलहाल किसान बागपत के रास्ते दिल्ली नहीं जा रहे हैं। बागपत की हरियाणा के सोनीपत से लगती सीमा पर निवाड़ा पुलिस चौकी, दिल्ली से लगती सीमा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर मवीकलां में यमुान पुल के पास और छपरौली पुल पर पुलिस बल तैनात है। इसके साथ ही मेरठ, गाजियाबाद, शामली और मुजफ्फरनगर से लगती बागपत की सीमाओं पर भी पुलिस व पीएसी तैनात की गई है।

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