पटना से कब-कब बदली देश की राजनीति ?
रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा
1965 से कैसे बना पटना राजनितिक मंच 80 के दशक में केदारनाथ बना
पटना में 2024 की जंग का पहला टीज़र रिलीज़ हुआ | 23 जून को हुई बैठक साफ कर रही है की कैसे सभी विपक्षी दल एक जुट होने को तत्पर हैं और बीजेपी पर हमले अब तेज होने वाले हैं | भले ही बीजेपी की तरफ से कितने बार कहा जाए की वो नहीं डरती लेकिन ये हुंकार डराने वाली है | पटना में 17 विपक्षी दल एक साथ आए और चर्चा 2024 लोक सभा चुनाव की रही | पटना राजनितिक मायनों में काफी अहम पात्र निभाता है इसलिए क्यूंकि पटना में इससे पहले भी कई ऐसी बैठकें हो चुकी हैं जिसने देश की राजनीती को पूरी तरह से बदल दिया है | पटना में ये राजनीती शुरू हुई 1965 में चलिए समझते हैं |
- 1965 से कैसे बना पटना राजनितिक मंच
- 1965 में देश हालही में आजाद हुआ और देश में हर जगह भुखमरी का माहौल फैला हुआ था देश गरीबी से
निकलने के प्रयत्न में था की तभी बिहार के मुख्यमंत्री थे कृष्ण वल्लभ सहाय | उनकी जन विरोधी नीतियों को लेकर कांग्रेस नेता और प्रखर समाजवाद राम मनोहर लोहिया ने सहाय का विरोध किया | वही सहाय जो कांग्रेस यानि लोहिया के खुद के पार्टी के सदस्य थे | बिहार में हर इंसान दाने दाने को मौहताजहो गया था | वहीं जब इंदिरा गाँधी हजारीबाग में आई तो सहाय इंदिरा गांधी का स्वागत करने में जुटे हुए थे । ये बात लोहिया को पसंद नही आई और पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया । इस बात को जानते हुए सहाय ने लोहिया को जेल में डलवा दिया ।
भले ही लोहिया गिरफ्तार हो गए लेकिन इस पूरे प्रदर्शन के बाद वो सिपाक्षी नेतों के लिए एक बड़ा चेहरा बन कर उभरे और साथ ही कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया | - 80 के दशक में केदारनाथ बना
इसके 10 साल बाद 1975 में भी पटना के गांधी मैदान में बड़ा आंदोलन शुरू हुआ जिसने कांग्रेस सरकार की नीव हिला दी । क्योंकि इंदिरा गांधी जब भ्रष्टाचार के आरोप में फसी तो जितने भी गांधीवादी नेता और भारत छोड़ो यात्रा में जो नेता शामिल थे वो कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और जाने माने नेता और स्वतंत्रता सेनानी जय प्रकाश नारायण ने इंदिरा गांधी के इस्तीफे की मांग की इस बात को समझते हुए इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगा दी और ये एक बड़ा कारण बना कांग्रेस सरकार के गिरने का ।
इसके बाद 2013 में भी नरेंद्र मोदी भी पटना के गांधी मैदान में आंदोलन कर चुके थे जिसके कारण 2014 में बीजेपी सरकार आई ।
अब भी पटना में विपक्षी दलों ने सत्ता में बैठी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब देखना ये है की अगली बैठक में क्या 2024 में भी इतिहास बदल सकता है या बीजेपी ही सत्ता में काबिज रहेगी ।