
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुंडका इलाके में बड़ी कार्रवाई करते हुए 72,000 लीटर अवैध एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) बरामद किया और 6 तस्करों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह राजधानी में बड़े पैमाने पर ईंधन की तस्करी में सक्रिय था।
Written by Himanshi Prakash , National Khabar
दिल्ली में एक ऐसी चोरी का खुलासा हुआ है जिसे सुनकर लोग दंग रह गए। ‘आंखों से काजल चुराने’ वाली कहावत भी इस गैंग की होशियारी के आगे फीकी पड़ गई। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले ईंधन (एविएशन टरबाइन फ्यूल – ATF) की चोरी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। रविवार को पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में स्थित एक गोदाम से 72,000 लीटर ATF बरामद किया गया और 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पिछले तीन सालों से चल रहा था धंधा
पुलिस का बड़ा खुलासा: यह गिरोह प्रतिदिन औसतन 5,000 लीटर एविएशन फ्यूल (एटीएफ) की चोरी करता था, जिससे महीनेभर में करीब 1.5 लाख लीटर ईंधन अवैध रूप से बाजार में पहुंचाया जाता था। जांच के दौरान पता चला कि इस अवैध कारोबार के कारण सरकारी खजाने को प्रतिमाह लगभग 1.62 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा था।
चोरी का तरीका: GPS से लेकर डुप्लीकेट चाबी तक
पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि HPCL असोदा डिपो, बहादुरगढ़ से IGI एयरपोर्ट तक ATF की सप्लाई के दौरान ये लोग GPS सिस्टम से छेड़छाड़ करके टैंकरों को रास्ते में ही रोककर मुंडका स्थित गोदाम में ले जाते थे।
टैंकरों के लॉक को खोलने के लिए डुप्लीकेट चाबियों का इस्तेमाल किया जाता था।
नकली डिप रॉड के जरिए टैंकर में तेल की मात्रा को सही दिखाया जाता था।
इसके बाद चुराया गया ATF मिनरल टर्पेन्टाइन ऑयल के नाम पर खुले बाजार में बेचा जाता था, जो आमतौर पर स्याही और पेंट उद्योग में काम आता है।
गिरोह में कौन-कौन शामिल?
- गया प्रसाद यादव (43) – गिरोह का मास्टरमाइंड और गोदाम का मालिक। पहले टैंकर ड्राइवर था। ATF को ₹30 प्रति लीटर खरीदकर ₹50 प्रति लीटर में बेचता था।
- राज कुमार चौधरी (53) – तेल खरीददार, जो ₹40 में ATF खरीदकर ₹43-₹50 में बेचता था।
- आशपाल सिंह भुल्लर (53) – ट्रक मालिक, जिसके पास 8 ट्रक हैं (3 जब्त)।
- राम भरोसे यादव (44), अंजय रॉय (41), सुबोध कुमार यादव (32) – ट्रक ड्राइवर, जिन्हें हर ट्रिप पर ₹1,500 मिलते थे।
- प्रवीन कुमार यादव (25) और प्रवीन कुमार यादव (19) – हेल्पर, जिन्हें हर चक्कर ₹700 मिलते थे।
पुलिस की कार्रवाई
DCP आदित्य गौतम ने बताया कि इस गिरोह ने तीन साल तक तेल चोरी को अंजाम दिया और किसी को भनक तक नहीं लगी। उन्होंने बताया, “यह बहुत ही सुनियोजित और तकनीकी रूप से सक्षम गिरोह था, जो GPS और लॉकिंग सिस्टम से भी खेल कर रहा था।”
यह मामला न सिर्फ चोरी का है, बल्कि यह हवाई सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि यह ईंधन सीधे एयरपोर्ट की सप्लाई लाइन से चुराया जा रहा था। फिलहाल, पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य संभावित साथियों की तलाश जारी है।