Sawan 2025: सावन में भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना शिव हो सकते हैं नाराज़

Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए बेहद खास होता है। इस समय शिव जी की कृपा पाने का सुनहरा मौका मिलता है। लेकिन अगर इस दौरान नियमों का पालन न किया जाए, तो पूजा का असर कम हो सकता है। जरूरी बातों की अनदेखी करने से न केवल पूजा का फल अधूरा रह जाता है, बल्कि जीवन में बाधाएं भी आ सकती हैं।
धर्म डेस्क | National Khabar
Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए अत्यंत पावन माना जाता है। हर साल यह माह श्रद्धा, आस्था और व्रत-उपवास की परंपराओं के साथ शुरू होता है। इस बार सावन 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है और पूरे महीने भक्त भगवान शिव की पूजा में लगे रहेंगे।
प्राचीन ग्रंथों और धार्मिक परंपराओं में सावन महीने को लेकर कुछ खास निषेध बताए गए हैं। माना जाता है कि यदि इस पवित्र माह में कुछ कार्यों से परहेज न किया जाए, तो इसका प्रभाव सिर्फ आपके स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि धन, संतान सुख और पारिवारिक शांति पर भी पड़ सकता है। ऐसे में सावन के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। आइए जानते हैं पांच ऐसे काम जिन्हें इस शुभ महीने में करने से बचना चाहिए।
- सावन में बाल और दाढ़ी न कटवाएं
सावन का महीना पूजा-पाठ और साधना का समय होता है, इसलिए इस दौरान बाल या दाढ़ी कटवाने से बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में बाधाएं आ सकती हैं और अच्छे कामों में रुकावटें बढ़ सकती हैं। सावन में सादगी और संयम रखना ही शुभ माना गया है।
- सावन में तेल क्यों नहीं लगाना चाहिए?
स्कंद पुराण के अनुसार, सावन के महीने में शरीर या सिर पर तेल लगाना अशुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। खास तौर पर सावन के सोमवार को तो बिल्कुल भी तेल नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह दिन भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है।
- सावन में दही न खाएं
सावन में दही खाना शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि इस महीने दही के सेवन से शुक्र दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे किस्मत का साथ कम हो जाता है। खासतौर पर रात के समय दही से परहेज करना चाहिए। इसकी जगह पर छाछ या नींबू पानी पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।
- सावन में दूध पीने से बचें
सावन के पावन महीने में शिवलिंग पर दूध अर्पित करना बेहद पुण्यकारी माना जाता है, लेकिन खुद दूध पीने से बचना चाहिए। विशेष रूप से व्रत रखने वालों को दूध के बजाय फल, पानी और सात्त्विक आहार लेना चाहिए। मान्यता है कि इस समय दूध का सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है और त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
- ज़मीन पर सोएं, बिस्तर से करें परहेज़
सावन में व्रत रखने वालों को सलाह दी जाती है कि वे जमीन पर चटाई या दरी बिछाकर सोएं। इससे मन और शरीर दोनों शुद्ध रहते हैं, और यह भक्ति और विनम्रता का प्रतीक भी माना जाता है। वहीं, बिस्तर पर सोना आलस्य बढ़ाता है, जो सावन के पवित्र महीने की साधना और नियमों के खिलाफ माना जाता है।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।