Saturday, July 27, 2024
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Capt Shiva Chouhan: कैप्टन शिवा चौहान, पहली महिला सैन्य अधिकारी जो सियाचिन में करेंगी ड्यूटी

रिपोर्ट : मानसी त्यागी

लड़कियां हर क्षेत्र में हर कदम पर लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, या यूं कह लीजिए की बेटियां हर मोड़ पर किसी भी परिस्थिति में चुनौतियों को ललकार कर हौसले के साथ आगे बढ़ती जा रही है।

इसी सिलसिले में हम आपको ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जिससे पूरे देश का सीना एक बार फिर गर्व से फूल रहा है।

देश के इतिहास में पहली बार देश की एक बेटी सियाचिन में बॉर्डर के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र की रखवाली करने के लिए तैनात है, जी हां यह इतिहास में पहली बार हुआ है जब देश की बेटी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

– कौन है यह जांबाज

यह कहानी उस बेटी की है जिसका नाम कैप्टन शिवा चौहान है, कैप्टन शिवा की उम्र लगभग 25 साल है और यह राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली है, 11 वर्ष की उम्र में शिवा ने अपने पिता को खो दिया था, परवरिश अकेले मां ने की। बचपन से ही शिवा ने भारतीय सेना में भर्ती होने का सपना देखा था।

बता दें की कैप्टन शिवा, कुमार पोस्ट पर ड्यूटी कर रही है, जो सबसे खतरनाक पोस्ट बताई जाती है ,जहां ऊंचाई 15,632 फीट है और तापमान शून्य से 70 डिग्री नीचे चला जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि कुमार पोस्ट उत्तरी ग्लेशियर बटालियन का हेड क्वार्टर भी है, कैप्टन शिवा से पहले कोई भी भारतीय महिला इस पोस्ट पर तैनात नहीं हुई है, कैप्टन शिवा चौहान इस पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली भारतीय महिला है।

– कैप्टन शिवा चौहान ने बहुत सी ट्रेनिंग पास की

कैप्टन शिवा ने भारतीय सेना में भर्ती होने से पहले काफी कठिन ट्रेनिंग पार की है जहां उन्हें घंटो बर्फ और पहाड़ों पर चलना सिखाया गया, बर्फीले तूफानों से लड़ना और उनका सामना भी करना इन्होंने सीखा। कैप्टन शिवा ने यह ट्रेनिंग चेन्नई की अकैडमी , ऑफिसर ट्रेनिंग अकैडमी से ली। कैप्टन शिवा की लगन और मेहनत ने शिवा को सन 2021 में भारतीय सेना के इंजीनियर रेजिमेंट में नियुक्त कर दिया गया।

– कैप्टन शिवा चौहान की कहानी है प्रेरणादायक

कैप्टन शिवा की कहानी उन लड़कियों के लिए मिसाल बनती जा रही है जो लड़कियां शर्म और डर के कारण अपने पैशन को आगे नहीं बढ़ा पाती और छोटी सी दुनिया में सिमट कर रह जाती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, यह कैप्टन शिवा की कहानी उन लोगों की सोच के लिए भी एक करारा जवाब है जो सोचते हैं कि ल

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