रक्षाबंधन कब है? क्या सच में इस बार भद्रा नहीं है? जानिए सब कुछ एक जगह

रक्षाबंधन का पर्व इस बार अगस्त महीने में धूमधाम से मनाया जाएगा। आचार्यों के अनुसार, इस बार राखी के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा, जिससे बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए पूरा शुभ समय मिलेगा।
धर्म डेस्क | National Khabar
रक्षाबंधन: सावन का पावन महीना शुरू होने वाला है, और इसी महीने की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक यह पर्व साल 2025 में अगस्त में आएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करते हुए राखी बांधती हैं, जबकि भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा काल को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। आचार्य ने इस बार की रक्षाबंधन की तिथि, शुभ मुहूर्त और भद्रा काल से जुड़ी अहम जानकारियां साझा की हैं। जानिए पूरी जानकारी…
कब है रक्षाबंधन?
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि इस बार 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक चलेगी।
त्योहार हमेशा सूरज निकलने के बाद वाली तिथि पर मनाए जाते हैं, इसलिए इस साल रक्षाबंधन का त्योहार शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
इस बार रक्षाबंधन पर बहनों को राखी बांधने के लिए भरपूर समय मिलेगा। 9 अगस्त 2025 को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:35 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा। यानी लगभग 8 घंटे तक बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया?
पंचांग के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का कोई असर नहीं होगा। भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त की सुबह 1:52 बजे खत्म हो जाएगा। इसलिए 9 अगस्त 2025 को पूरे दिन राखी बांधना शुभ और अच्छा रहेगा।
शुभ योग में रक्षाबंधन
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस त्योहार को और भी खास बना देंगे। इस दिन सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, इन योगों में किया गया कोई भी कार्य शुभ परिणाम देता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
राखी बांधने की विधि
रक्षाबंधन के दिन बहनें सुबह स्नान कर पूजन की थाली सजाती हैं, जिसमें राखी, रोली, अक्षत (चावल), मिठाई और दीपक होता है। फिर भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी आरती उतारी जाती है और राखी बांधी जाती है। इस दौरान एक विशेष मंत्र पढ़ना शुभ माना जाता है, जिससे भाई-बहन दोनों को सौभाग्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। राखी बांधते समय यह मंत्र अवश्य बोलें:
“ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥”
इस मंत्र के जाप से भाई की रक्षा होती है और जीवन में मंगल बना रहता है।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।