स्वास्थ्य

Age is Just a Number – लेकिन सेहत ज़रूरी है!

इस समय भारत में 10.5 करोड़ से अधिक बुजुर्ग हैं, और आने वाले कुछ वर्षों में यह संख्या 20 करोड़ के पार पहुंचने वाली है। यानी जिस देश को युवा राष्ट्र कहा जाता है, वहां जल्द ही हर चौथा नागरिक बुजुर्ग होगा। ऐसे में सबसे अहम बात यह है कि बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों की फेहरिस्त लंबी न हो – लंबी उम्र, लेकिन स्वस्थ जीवन के साथ।

Written by: Himanshi Prakash, National Khabar

उम्रदराज़ सबको होना है लेकिन बालों की चांदी और चेहरे पर तजुर्बे की लकीरें होने के बावजूद भी आप बूढ़े है या 60 साल के जवान ये आपका एटीट्यूड तय करेगा। वो कहते तो हैं Age is just a number इसलिए ये एटीट्यूड 60 साल के जवान वाला ही होना चाहिए। इसी में लोगों का और देश का भला है क्योंकि भारत युवाओं का देश कहा जाता है। वहीं अगले कुछ साल में बुजुर्गों की तादाद दोगुनी से भी ज़्यादा हो जाएगी। ये रिपोर्ट भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की है। नीति आयोग की माने तो देश में इस वक्त साढ़े 10 करोड़ से ज़्यादा बुजुर्ग है जो अगले कुछ साल में 20 करोड़ से ज़्यादा हो जाएंगे।
आने वाले समय में भारत जैसे युवा देश में हर चौथा नागरिक बुज़ुर्ग होगा। ऐसे में सबसे ज़रूरी बात यह है कि उम्र तो बढ़े, लेकिन उसके साथ बीमारियों की फेहरिस्त नहीं।

लेकिन आजकल जिस रफ्तार से युवा और टीनएजर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, उसे देखकर तो लगता है कि लंबी उम्र तो मिल जाएगी—but सेहत के साथ नहीं। खाना-पीना कोई नहीं छोड़ता, बल्कि ज़रूरत से ज़्यादा खाते हैं। ये तक तो मैनेज हो सकता है, लेकिन उसके बाद ज़रा सी एक्सरसाइज़ तक करने को वक्त नहीं मिलता।

सबसे आसान बहाना बनता है — “बिज़ी शेड्यूल!” और सबसे पहले जिस चीज़ को लोग छोड़ते हैं, वो है वर्कआउट। नतीजा? शरीर धीरे-धीरे बीमारियों का घर बन जाता है। कम उम्र में ही शुगर, बीपी, थायरॉइड, फैटी लिवर और ओबेसिटी जैसे खतरे सिर उठाने लगते हैं। मांसपेशियां और हड्डियां कमज़ोर पड़ने लगती हैं, और पूरा शरीर ढहने लगता है।

आज जब हम 60+ बुज़ुर्गों की हेल्दी लाइफ की बात कर रहे हैं, तब असली चिंता ये है कि 40 से कम उम्र के लोग ही बीमारी के जाल में फंसे हुए हैं।

चिंता की बात है, लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं।
स्वामी रामदेव मौजूद हैं — जो न सिर्फ बुज़ुर्गों को निरोग जीवन जीने के सरल और असरदार उपाय बताएंगे, बल्कि युवाओं को भी बीमारियों के इस चक्रव्यूह से बाहर निकालेंगे।

लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियाँ:

  • हाई बीपी और डायबिटीज
  • बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल
  • मोटापा (ओबेसिटी)
  • थायरॉइड असंतुलन
  • फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं
  • नींद न आना (इनसोम्निया)
  • जोड़ों का दर्द (आर्थराइटिस)
  • पोषक तत्वों की कमी (डिफिशिएंसी)

बीपी रहेगा कंट्रोल में – डाइट में शामिल करें:

  • खजूर , दालचीनी , किशमिश , गाजर , अदरक ,टमाटर

दिल रहेगा मजबूत – लौकी है रामबाण:

  • लौकी का सूप , लौकी की सब्जी , लौकी का जूस

किडनी की सेहत – इन चीज़ों को करें कंट्रोल:

  • नमक,चीनी ,अधिक प्रोटीन , फॉस्फोरस और कैल्शियम की मात्रा

हड्डियों के लिए ज़रूरी – कैल्शियम से भरपूर चीज़ें खाएं:

बादाम , ओट्स , बीन्स, तिल , सोया मिल्क , दूध

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