स्वास्थ्य

Ovarian Cyst: महिलाओं के लिए Alert पेट दर्द, ब्लोटिंग और चक्कर – कहीं ये ओवेरियन सिस्ट के संकेत तो नहीं?

Ovarian Cyst: आजकल की अस्वस्थ जीवनशैली के चलते कई तरह की बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिनमें से एक है ओवेरियन सिस्ट। यह एक द्रव से भरी हुई थैली होती है, जो अंडाशय (ओवरी) में बनती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे– हार्मोनल असंतुलन, सेल्स का असामान्य रूप से विकसित होना या पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)। इस समस्या के दौरान शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

Written by: Himanshi Prakash, National Khabar

आज के दौर में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान की वजह से कई गंभीर बीमारियाँ लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही हैं। इन्हीं में से एक समस्या है ओवेरियन सिस्ट, जो खासतौर पर महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है।

यूटरस के दोनों ओर स्थित गोल आकार के अंगों को ओवरी कहा जाता है, जो महिला प्रजनन तंत्र का अहम हिस्सा होते हैं। इनके बिना गर्भधारण संभव नहीं होता। ओवेरियन सिस्ट की बात करें तो यह एक तरल पदार्थ से भरी थैली होती है, जो ओवरी के अंदर बनती है।

यह समस्या अब महिलाओं में आम होती जा रही है। किसी भी बीमारी के आने से पहले शरीर कुछ संकेत जरूर देता है। ठीक उसी तरह, ओवेरियन सिस्ट के मामले में भी महिला का शरीर कई लक्षणों के ज़रिए संकेत देना शुरू कर देता है।

आज का यह लेख इसी विषय पर आधारित है। इसमें हम ओवेरियन सिस्ट के कारणों और लक्षणों की जानकारी दे रहे हैं, ताकि आप समय रहते इसके संकेतों को पहचानकर सही इलाज शुरू कर सकें। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से—
क्या है ओवेरियन सिस्ट?
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, ओवेरियन सिस्ट तरल पदार्थ से भरी हुई एक थैली होती है, जो ओवरी के अंदर या उसकी सतह पर बन सकती है। इसके कई प्रकार हो सकते हैं। कुछ सिस्ट इतने सूक्ष्म होते हैं कि बिना डॉक्टर की जांच के उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। इसी वजह से कई महिलाएं समय रहते इसका पता नहीं लगा पातीं, जिससे यह समस्या आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती है।

ओवेरियन सिस्ट के कारण
ओवेरियन सिस्ट बनने के कई कारण हो सकते हैं। जब शरीर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, तो यह सिस्ट का रूप ले सकती हैं। इसके अलावा, पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) की स्थिति में ओवरी में कई छोटे-छोटे सिस्ट बन सकते हैं। वहीं, पेल्विक इंफेक्शन अगर ओवरी तक फैल जाए, तो इससे भी सिस्ट बनने की संभावना रहती है।

ओवेरियन सिस्ट के लक्षण
ओवेरियन सिस्ट होने पर शरीर कई संकेत देने लगता है। इसके आम लक्षणों में शामिल हैं:नाभि के नीचे तेज दर्द,पेट में सूजन या ब्लोटिंग, कमर का आकार बढ़ना, मल त्याग करते समय दर्द ,थकान या चक्कर आना, पीरियड्स से पहले पेल्विक एरिया में दर्द ,जांघों में खिंचाव या दर्द ,ब्रेस्ट में संवेदनशीलता या दर्द ,
बार-बार बेहोशी या चक्कर,तेज सांस चलना, मतली या जी मिचलाना, प्रेग्नेंसी में परेशानी, वजाइना से अनियमित ब्लीडिंग

यदि इनमें से कोई भी लक्षण लगातार महसूस हो, तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना ज़रूरी है। समय रहते जांच और इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

ओवेरियन सिस्ट से कैसे करें बचाव
ओवेरियन सिस्ट से बचने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ जरूरी बदलाव करना बेहद ज़रूरी है। नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप इस समस्या से काफी हद तक बच सकती हैं:

क्या करें:

  1. रोजाना प्राणायाम और योगाभ्यास करें, खासकर पेल्विक हेल्थ को बेहतर करने वाले योगासन।
  2. अपने भोजन में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।
  3. रेशेदार फल जैसे सेब, नाशपाती, पपीता आदि का सेवन करें।
  4. हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, सरसों को रोज़मर्रा की डाइट का हिस्सा बनाएं।
  5. प्रतिदिन चार से पाँच लीटर पानी जरूर पिएं, ताकि शरीर डिटॉक्स होता रहे।

किन चीज़ों से बचें:

  1. रेड मीट खाने से परहेज करें, क्योंकि यह हार्मोनल असंतुलन बढ़ा सकता है।
  2. आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन न करें।
  3. शराब और स्मोकिंग से दूर रहें, ये दोनों हार्मोनल हेल्थ को प्रभावित करते हैं।
  4. चाय और कॉफी का अधिक सेवन करने से बचें, खासकर खाली पेट।
  5. संतुलित दिनचर्या और सही खानपान से न सिर्फ ओवेरियन सिस्ट बल्कि अन्य स्त्री रोगों से भी बचाव संभव है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या या उपचार से पहले कृपया अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। नेशनल खबर इस जानकारी की पूर्ण सत्यता, सटीकता या प्रभाव के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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