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ISRO का नया मिशन:- चाँद की सतह पर 2028 में Chandrayaan 4 और 2040 में इंसान भेजेगा ISRO

Bangalore: चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (INDIAN SPACE RESEARCH ORGANISATION) अब चंद्रयान- 4 को भेजने की तैयारी कर रही है।

हाइलाइट्स

2028 में भेजा जाएगा चंद्रयान-4 इस मिशन द्वारा चट्टान लाया जाएगा।

चंद्रयान- 4 में 350 किलो का रोवर ले जाया जाएगा।

चंद्रमा पर भेजगे इंसान, PM के भाषण की ख़ास बातें 2035 तक अंतरिक्ष में होगा भारत का स्पेस स्टेशन

Written By: Shridhi, Edited By: Pragya Jha

2028 में भेजा जाएगा चंद्रयान-4 इस मिशन द्वारा चट्टान लाया जाएगा

इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर के वैज्ञानिक डॉ निलेश देसाई ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से कहा है कि अगला मिशन चंद्रयान-4 2028 में लाॅन्च किया जाएगा। इसे Lupex mission नाम दिया गया है।
इसरो में चंद्रयान-3 मिशन को अभूतपूर्व सफलता मिला। इसकी उपलब्धियों को आगे बढ़ाने के लिए चंद्रयान-4 भेजा जाएगा। अगर यह मिशन सफल रहा तो भारत दुनिया का चौथा देश होगा जिसके पास चंद्रमा की सतह से सैंपल लाने की क्षमता होगी।

इसरो की योजना 2040 तक चांद इंसान भेजने की है। निलेश देसाई ने कहा ” चांद पर इंसान भेजने के लिए हमारे पास अगले 15 साल है। चंद्रयान-4 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारा जाएगा। यहां से चट्टान का सैंपल पृथ्वी पर लाया जाएगा ताकि उसका विस्तार से अध्यायन हो सके। इससे पता चलेगा कि चांद पर किस तरह के संसाधन ( जैसे – पानी) है। इससे भविष्य में चांद पर इन्सानी बस्ती बनाने में मदद मिलेगी

चंद्रयान-4 में 350 किलो का रोवर ले जाया जाएगा

चंद्रयान-4 अपने साथ 350 किलो का रोवर भी ले जाएगा। यह चंद्रयान-3 के साथ भेजे गए हैं। रोवर की तुलना में अधिक दुरी तक खोजबीन कर सकेगा लैंडर चंद्र क्रेटर के ख़तरनाक किनारों की जांच करेगा। ये क्षेत्र अभी तक अज्ञात है। चंद्रयान-4 को भारत के देवी-लिफ्ट GSLV एमके 3 या LUM-3 राॅकेट से लाॅन्च किया जाएगा। Mission कि सफलता नमूनों को सुरक्षित रूप से प्राप्त करने और उन्हें धरती पर वापस लाने पर निर्भर करता है। यह तकनीकी रूप बेहद चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए दो लाॅन्च किया जाएगा। पहला लाॅन्च धरती से चांद की ओर और दुसरा चांद से धरती ओर होगा।।

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चंद्रयान-4 की लैंडिंग चंद्रयान-3 की तरह होगी इसका केंद्रीय माड्यूलर परिक्रमा माड्यूलर के साथ डाॅक करने के बाद वापस आ जाएगा यह पृथ्वी के ऊपर अलग होगा और वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेंगे। यह पृथ्वी पर नमूने गिराएगा, इसरो ने पहले ही विक्रम के साथ एक हौप प्रयोग का प्रदर्शन किया है। इसमें दिखाया गया है। कि इसरो का अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह से उठ सकता है।

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