ड्रीमलाइनर 787 हादसा: सबसे सुरक्षित विमान पर उठे सवाल!

अहमदाबाद में हुए बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 हादसे ने उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञों को हैरानी में डाल दिया है। जिस विमान को अब तक दुनिया का सबसे भरोसेमंद, सुरक्षित, आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत माना जाता था, उसमें तकनीकी खामी सामने आना बेहद अप्रत्याशित है। विशेषज्ञ इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं।
Written by: Himanshi Prakash, National Khabar
ड्रीमलाइनर को उसकी कार्बन कंपोजिट बॉडी, अत्याधुनिक एवियोनिक्स, ऑटोमैटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम और कम ईंधन खपत के लिए जाना जाता है। ड्रीमलाइनर 787 श्रृंखला विशेष रूप से अधिक दूरी की उड़ानों के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसका अब तक का सिक्योरिटी रिकॉर्ड अत्यंत बेहतर रहा है। इस श्रृंखला में 787-8, 787-9 और 787-10 जैसे अत्याधुनिक मॉडल शामिल हैं।
जो ईंधन दक्षता और यात्री सुविधा के मानकों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं।
यह विमान तकनीकी रूप से इतना उन्नत है कि इसे उड्डयन इतिहास की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल किया जाता है। यात्रियों को बेहतर उड़ान अनुभव देने के साथ-साथ ये विमान एयरलाइंस के लिए परिचालन लागत घटाने में भी कारगर साबित हो रहे हैं। वर्तमान में दुनिया भर में 1148 ड्रीमलाइनर सक्रिय रूप से सेवा दे रहे हैं।
दुनिया की अग्रणी एयरलाइंस कर रही हैं ड्रीमलाइनर 787 का इस्तेमाल
अमेरिका, यूरोप, खाड़ी देशों और एशिया की दर्जनों प्रमुख एयरलाइंस ड्रीमलाइनर 787 विमानों का व्यापक रूप से उपयोग कर रही हैं। जापान की ऑल निप्पोन एयरवेज (ANA) इसकी पहली उपयोगकर्ता रही, जिसके बाद जापान एयरलाइंस, ब्रिटिश एयरवेज, यूनाइटेड एयरलाइंस, अमेरिकन एयरलाइंस, एयर फ्रांस, कतर एयरवेज, एतिहाद एयरवेज, एमिरेट्स और लैटैम एयरलाइंस जैसे कई बड़े नाम अंतरमहाद्वीपीय उड़ानों में इस विमान को अपना चुके हैं।
एयर इंडिया के बेड़े में 26 ड्रीमलाइनर विमान
भारत में ड्रीमलाइनर 787 विमानों का संचालन मुख्य रूप से एयर इंडिया द्वारा किया जा रहा है। एयर इंडिया के पास फिलहाल 787-8 मॉडल के 26 विमान हैं, जिनका इस्तेमाल दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु से न्यूयॉर्क, टोरंटो, लंदन, मेलबर्न, सिडनी, दुबई और अन्य प्रमुख यूरोपीय शहरों तक सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए किया जा रहा है। ये विमान एयर इंडिया की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ड्रीमलाइनर की खासियतें जो इसे खास बनाती हैं
ड्रीमलाइनर 787 की सबसे बड़ी विशेषता इसका हल्का ढांचा है, जिसमें पारंपरिक धातुओं के बजाय उन्नत कंपोजिट सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह पारंपरिक विमानों की तुलना में करीब 20% कम ईंधन की खपत करता है। इसकी उड़ान सीमा 13,530 किमी तक है, जिससे यह बिना रुके महाद्वीपों के बीच लंबी दूरी की उड़ानों के लिए सक्षम बनता है।
यह विमान लगभग 227 टन के टेकऑफ वजन के साथ उड़ान भर सकता है, और इसकी यात्री क्षमता कांफिगरेशन के अनुसार 242 से 296 यात्रियों तक होती है। इसमें फ्लाई-बाय-वायर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो इसकी स्वचालित नियंत्रण प्रणाली को और अधिक कुशल बनाती है। इसके शक्तिशाली इंजन जनरल इलेक्ट्रिक और रोल्स रॉयस जैसे प्रतिष्ठित निर्माताओं द्वारा बनाए जाते हैं।
विमान विशेषज्ञ अमिताभ जोशी के अनुसार, ड्रीमलाइनर 787-8 उच्च सुरक्षा मानकों, उत्कृष्ट ईंधन कुशलता और श्रेष्ठ यात्री सुविधाओं की वजह से भविष्य की हवाई यात्रा का सर्वोत्तम विकल्प बनकर उभरा है।