Naag Panchami 2025: जुलाई में कब है नाग पंचमी? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार है, जिसमें नाग देवता के साथ भगवान शिव की भी विशेष रूप से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। आइए जानते हैं कि जुलाई 2025 में नाग पंचमी कब मनाई जाएगी और इसका धार्मिक महत्व क्या है।
धर्म डेस्क | National Khabar
हर वर्ष सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा को अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नाग देवता और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को काल सर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
नाग पंचमी 2025 कब है?
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 28 जुलाई की रात 11:24 बजे से शुरू होगी और 30 जुलाई की रात 12:46 बजे तक चलेगी। उदया तिथि के अनुसार, नाग पंचमी का पवित्र त्योहार इस बार मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। चलिए जानते हैं इस दिन पूजा का शुभ समय और सही तरीका।
नाग पंचमी 2025: पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह 6:13 से लेकर 8:49 तक रहेगा पूजा का श्रेष्ठ समय।
नाग पंचमी से जुड़ी प्रमुख मान्यताएं क्या हैं?
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है। यह तिथि उन विशिष्ट दिनों में शामिल है जब तवे पर रोटी बनाना वर्जित माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक नागों की पूजा करने से व्यक्ति को हर प्रकार के भय, संकट और दोषों से मुक्ति मिलती है।
नाग पंचमी पर न करें ये गलतियाँ
नाग पंचमी के दिन सुई-धागे का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन तवे पर रोटी नहीं बनानी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी पर चाकू, कैंची या किसी भी तरह की धारदार वस्तुओं का उपयोग भी वर्जित होता है, क्योंकि इसे अशांति और दोषों का कारण माना जाता है।
नाग पंचमी के दिन जमीन की खुदाई से संबंधित किसी भी कार्य से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे भूमिगत सांपों के बिलों को क्षति पहुँच सकती है। मान्यता है कि इस दिन नागों को किसी भी रूप में हानि पहुँचाना अशुभ होता है, इसलिए उनके संरक्षण और सम्मान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
नाग पंचमी 2025: पूजा के शुभ मंत्र
- ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।
- ॐ नगपति नम:
ॐ व्याल नम:
ॐ अहि नम:
ॐ विषधर नम:
ॐ शैल नम:
ॐ भूधर नम:
ॐ सर्पाय नमः
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।