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अमरनाथ यात्रा 2025: शुरुआत कब से? जानिए समापन तिथि, पवित्र मुहूर्त और धार्मिक महत्व

अमरनाथ यात्रा 2025: बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा जम्मू-कश्मीर की ऊँचाई पर स्थित है, जो शिवभक्तों के लिए आस्था का प्रतीक मानी जाती है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु कठिन रास्तों से होकर अमरनाथ की यात्रा करते हैं और बाबा बर्फानी के दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।

धर्म डेस्क | National Khabar

अमरनाथ यात्रा 2025: कब से शुरू होगी यह पवित्र यात्रा, क्या हैं शुभ योग और क्या है इसका महत्व?

हर साल शिवभक्तों को बेसब्री से इंतज़ार रहता है श्री अमरनाथ यात्रा का, जो आस्था और संकल्प का प्रतीक मानी जाती है। हजारों श्रद्धालु कठिन पहाड़ी रास्तों को पार कर पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के हिमलिंग के दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामनाएं समर्पित करते हैं।

इस बार की अमरनाथ यात्रा खास होगी, क्योंकि यह कुल 38 दिनों तक चलेगी। इसकी शुरुआत 3 जुलाई 2025, गुरुवार से होगी। यह तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल अष्टमी और मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ योग लेकर आएगी। इसी दिन से श्री अमरनाथ जी यात्रा 2025 का औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा।

तीन शुभ योगों में यात्रा की शुरुआत

3 जुलाई 2025 को यात्रा के पहले दिन तीन खास और शुभ योग बन रहे हैं, जो इस यात्रा को और भी पवित्र और फलदायी बनाते हैं:

परिघ योग सुबह से शुरू होकर शाम 6 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।

शिव योग – परिघ योग के बाद शुरू होकर 4 जुलाई की शाम 7:36 बजे तक

रवि योग – इस दिन का तीसरा शुभ संयोग, जो कार्य सिद्धि और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है

इन शुभ संयोगों में यात्रा की शुरुआत को अत्यंत मंगलकारी माना गया है।

अमरनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व

अमरनाथ यात्रा न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभव भी है। ऐसा माना जाता है कि इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य सुनाया था। हर वर्ष हिमलिंग के रूप में बाबा बर्फानी के दर्शन भक्तों को अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं।

इस बार अमरनाथ यात्रा खास होगी क्योंकि यह 38 दिनों तक चलेगी। इसकी शुरुआत 3 जुलाई 2025, गुरुवार को होगी। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल अष्टमी और मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ योग है। इसी दिन से अमरनाथ यात्रा 2025 की आधिकारिक शुरुआत होगी।

यात्रा कब तक चलेगी?

श्री अमरनाथ जी यात्रा का समापन 9 अगस्त 2025 को रक्षा बंधन और श्रावण पूर्णिमा के पावन दिन पर होगा।

अमरनाथ यात्रा 2025 के पहले दिन, यानी 3 जुलाई को रवि योग दोपहर 1 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 4 जुलाई की सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक प्रभावी रहेगा।

इस दिन हस्त नक्षत्र प्रात:काल से लेकर दोपहर 1 बजकर 50 मिनट तक रहेगा, जिसके बाद चित्रा नक्षत्र का प्रारंभ होगा। यह संयोग यात्रा को और अधिक शुभ और फलदायी बनाता है, क्योंकि रवि योग और शुभ नक्षत्रों का मेल धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

अमरनाथ यात्रा 2025: शुभ मुहूर्त, तिथियां और दो प्रमुख मार्गों से रवाना होंगे श्रद्धालु

अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत आषाढ़ शुक्ल अष्टमी के पावन दिन हो रही है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन यात्रा की शुरुआत के लिए विशेष मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं:

शुभ मुहूर्त और तिथि के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल अष्टमी तिथि की शुरुआत 2 जुलाई को दोपहर 11 बजकर 58 मिनट पर होगी, और इसका समापन 3 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 6 मिनट पर होगा।

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:07 बजे से 4:47 बजे तक

दिन का सबसे शुभ समय: दोपहर 11:57 बजे से 12:53 बजे तक

इन मुहूर्तों में यात्रा का आरंभ करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है।

अमरनाथ यात्रा के दो प्रमुख मार्ग:

श्रद्धालुओं के लिए अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के दो मुख्य मार्ग हैं:

पहलगाम मार्ग – जम्मू से पहलगाम होते हुए यह मार्ग अपेक्षाकृत लंबा लेकिन सुंदर और सुविधाजनक माना जाता है।

बालटाल मार्ग – यह रास्ता छोटा और तीव्र चढ़ाई वाला है, जो तेज़ गति से दर्शन कर लौटने वालों के लिए उपयुक्त होता है।

यात्रा के पहले दिन, श्रद्धालुओं के जत्थे इन दोनों रास्तों से रवाना होंगे और पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान करेंगे।

स्वास्थ्य और सुरक्षा:

यात्रा से पहले सभी यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य होता है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम को देखते हुए शारीरिक रूप से सक्षम होना जरूरी है। यात्रा से पहले हेल्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है, और यात्रा के दौरान RFID टैग, मेडिकल सहायता, और सुरक्षा बलों की निगरानी की व्यवस्था रहती है।

अमरनाथ यात्रा 2025: समापन तिथि, पौराणिक महत्व और बाबा बर्फानी के दर्शन का पुण्य फल

श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक घोषणा के अनुसार, इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 2025 का समापन 9 अगस्त, शनिवार को होगा। यह तिथि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उसी दिन सावन पूर्णिमा भी है—जो भगवान शिव को समर्पित मास का सबसे पावन दिन माना जाता है। सावन माह में बाबा बर्फानी के दर्शन करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है।

अमरनाथ यात्रा का धार्मिक और पौराणिक महत्व

अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि शिवभक्तों के लिए एक गहन आध्यात्मिक अनुभव है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने इसी पवित्र गुफा में माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य सुनाया था। कथा के अनुसार, जब भगवान शिव अमरकथा सुना रहे थे, उसी दौरान माता पार्वती निद्रा में चली गईं, लेकिन वह गुफा आज भी उस दिव्य संवाद की साक्षी बनी हुई है।

इस गुफा में जो हिम से बना शिवलिंग (बाबा बर्फानी) प्रकट होता है, वह स्वयं भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा बर्फानी के दर्शन करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के दुखों से मुक्ति मिलती है।

हर साल हजारों शिवभक्त इस कठिन यात्रा को श्रद्धा, तप और विश्वास के साथ पूरा करते हैं, ताकि उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सके।

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