स्वास्थ्य

पेट का कैंसर: गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण, कारण और उपचार

गैस्ट्रिक कैंसर, जिसे आमतौर पर पेट का कैंसर कहा जाता है, आज तेजी से बढ़ते मामलों में से एक बन गया है। यह एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर इसे शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज और बचाव मुमकिन है। इस लेख में हम आपको गैस्ट्रिक कैंसर से जुड़ी अहम जानकारी देंगे, जिससे आप समय रहते इसके लक्षण पहचानकर ज़रूरी कदम उठा सकें।

हेल्थ डेस्क | National Khabar

Gastric Cancer: हाल के वर्षों में गैस्ट्रिक कैंसर, जिसे पेट का कैंसर या स्टमक कैंसर भी कहा जाता है, के मामलों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। इस वजह से लोगों में इसके प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। यह कैंसर पेट की अंदरूनी परत यानी लाइनिंग से शुरू होता है और धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। गैस्ट्रिक कैंसर दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है।

चुनौती यह है कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर आम पेट की समस्याओं जैसे गैस, अपच या पेट दर्द से मिलते-जुलते होते हैं, जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है और मरीज की जान बचाई जा सकती है। इस लेख में हम गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण, जांच की प्रक्रिया और इससे बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

क्या है गैस्ट्रिक कैंसर?

गैस्ट्रिक कैंसर आमतौर पर पेट की भीतरी परत से शुरू होता है और धीरे-धीरे पेट की दीवारों तक फैलने लगता है। यदि समय रहते इसकी पहचान नहीं हो पाए, तो यह कैंसर आगे बढ़कर शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है, जिससे इसका इलाज और भी जटिल हो जाता है। इस बीमारी की शुरुआती पहचान के लिए नियमित स्क्रीनिंग बेहद जरूरी मानी जाती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनमें इसका खतरा अधिक होता है।

गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण

गैस्ट्रिक कैंसर की शुरुआत में इसके लक्षण अक्सर हल्के और सामान्य लगते हैं, जैसे गैस, एसिडिटी या पेट की सामान्य परेशानी। यही कारण है कि शुरुआत में इस बीमारी को पहचानना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, अगर ये समस्याएं लगातार बनी रहती हैं और समय के साथ बढ़ती हैं, तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए:

  • पेट के ऊपरी हिस्से में लगातार जलन या दर्द महसूस होना
  • बार-बार अपच की समस्या या पेट में भारीपन रहना
  • भूख न लगना या थोड़ा सा खाने पर ही पेट भर जाना
  • बिना किसी खास वजह के आपका वजन तेजी से घटने लगे
  • उल्टी आना या मल में खून दिखाई देना
  • शरीर में कमजोरी महसूस होना और हमेशा थकान रहना

किस टेस्ट से पता लगता है कैंसर?

Gastric Cancer की पहचान के लिए कई तरह की जांच की जाती है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है एंडोस्कोपी (Upper GI Endoscopy)। इस प्रक्रिया में एक लचीली ट्यूब के जरिए कैमरे की मदद से डॉक्टर पेट की अंदरूनी सतह को देख सकते हैं। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि कहीं कैंसर जैसी कोई असामान्य वृद्धि तो नहीं है। एंडोस्कोपी के जरिए जरूरत पड़ने पर बायोप्सी भी की जाती है, जिससे कैंसर की पुष्टि की जा सकती है।

कैसे करें बचाव?

गैस्ट्रिक कैंसर से बचाव संभव है, खासकर अगर समय रहते जरूरी कदम उठा लिए जाएं। डॉक्टर की सलाह के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव करके इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए संतुलित और पोषक आहार लेना बेहद जरूरी है। पैक्ड या प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं, धूम्रपान और शराब जैसी आदतों से परहेज करें, और नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराते रहें ताकि किसी भी समस्या की समय रहते पहचान हो सके।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या या उपचार से पहले कृपया अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। नेशनल खबर इस जानकारी की पूर्ण सत्यता, सटीकता या प्रभाव के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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