क्या डायबिटीज वाकई एक बीमारी है? खाने का तेल, अधूरी जांच के छिपे हुए सच!

डायबिटीज का वो सच जो शायद आप न जानते हों। डायबिटीज के कई जांच हैं जो आप शायद नहीं जानते होंगे। सिर्फ पूर्ण जांच ही नहीं, तेल और सही डाइट के बारे में भी आपको जानकारी नहीं होगी। तो जानते हैं कि सही जांच, सही तेल आदि चीजें क्या हैं:
Written By: Pragya Jha, National Khabar
डायबिटीज — जिसे आम भाषा में “शुगर” या “मधुमेह” कहा जाता है — हर घर की पहचान बन चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो बीमारी हमें सालों से दवाओं और इंसुलिन पर निर्भर रखती है, उसका इलाज शायद कहीं और छिपा हो? या फिर वो बीमारी जैसी असल में है ही नहीं? देश के जाने-माने शोधकर्ता डॉ. एस. कुमार के हालिया दावों ने डायबिटीज को लेकर बनी परंपरागत सोच को झकझोर दिया है। जयपुर में हुए एक हेल्थ फेयर में उन्होंने बताया कि डायबिटीज असल में एक मेटाबॉलिक स्थिति है — लेकिन इससे जुड़ी सबसे बड़ी गलतियां हम खुद कर रहे हैं।
खाने का तेल: छुपा हुआ दुश्मन
डॉ. कुमार के अनुसार, जिस चीज को हम अपनी रोज़मर्रा की रसोई में इस्तेमाल करते हैं — खाने का तेल, वही हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। जब हम तेल को गर्म करते हैं और उससे जो धुआं निकलता है, वह सांसों के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करता है। यह धीमे ज़हर की तरह काम करता है, जो धीरे-धीरे मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और इंसुलिन के प्रभाव को कम कर देता है। और यह सिर्फ तेल तक सीमित नहीं है — डॉ. कुमार ने ये भी कहा कि कुछ फल भी हमारे शरीर में ग्लूकोज स्पाइक्स (blood sugar spikes) का कारण बन सकते हैं। हर फल हेल्दी नहीं होता, खासकर डायबिटीज के संदर्भ में।
90% मरीज कर रहे हैं एक बड़ी भूल!
एक और चौंकाने वाला खुलासा उन्होंने डायबिटीज के निदान को लेकर किया। उनके अनुसार, देश में 90% से ज्यादा डायबिटीज के मरीज अधूरी जांच करवा रहे हैं। नतीजा ये होता है कि वे बिना सही वजह जाने ही दवाएं और इंसुलिन लेना शुरू कर देते हैं — जो दीर्घकालीन नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। डॉ. कुमार का दावा है कि अगर मरीज सही समय पर सभी जरूरी टेस्ट कराएं — जैसे कि ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट, फास्टिंग इंसुलिन टेस्ट, HbA1c, और सी-पेप्टाइड टेस्ट — तो उनमें से कई को कभी भी दवा या इंसुलिन की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।
क्या डायबिटीज एक भ्रम है?
सबसे चौंकाने वाली बात जो उन्होंने कही वो ये है: डायबिटीज जैसी कोई बीमारी असल में है ही नहीं, यह शरीर की चेतावनी है कि आपकी जीवनशैली और खानपान में गंभीर गड़बड़ी है।
यह बयान पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और फार्मा इंडस्ट्री की सोच को चुनौती देता है, लेकिन लाखों लोगों को एक नई उम्मीद भी देता है — कि शायद दवाओं से ज्यादा ज़रूरी है जड़ तक पहुंचना। परंपरागत दावों को ख़ारिज करने के इस दावे को जानने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें।
आइए जानते हैं एस कुमार के बारे में
डॉ. एस कुमार Appropriate Diet Therapy Centre के संस्थापक हैं।। डॉ. एस कुमार पीएचडी होल्डर होने के साथ-साथसाथ “डॉक्ट्रेट ऑफ लिटरेचर” की डिग्री रसियन यूनिवर्सिटी से प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही 3 बार गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।। डायबिटीज की दुनिया में शोध करने के लिए उन्हें फ्रांस की सीनेट में भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, डॉ. एस कुमार को लंदन की 200 साल पुरानी पार्लियामेंट में डायबिटीज पर शोध के लिए बेस्ट साइंटिस्ट के अवार्ड से भी नवाजा गया है।
डॉ. एस कुमार अभी तक कई किताबें भी लिख चुके हैं, जिनमें से एक पुस्तक को राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में स्थान भी दिया गया है। भारत में Appropriate Diet Therapy Centre की 56 से अधिक शाखाएं संचालित हैं। यदि आप भी संपर्क करना चाहते हैं तो दिए गए नंबर पर कॉल करें:: +91 9372166486