Vastu Tips: पश्चिम दिशा में किचन बनवाना सही है या नहीं? जानिए वास्तु का सच

जब लोग घर खरीदते हैं, तो अक्सर वास्तु शास्त्र की बातें भूल जाते हैं — खासकर बड़े शहरों में लोग इसे ज़रूरी नहीं समझते। लेकिन जब घर में परेशानी, तनाव या बार-बार कोई अशुभ घटना होने लगती है, तब उन्हें एहसास होता है कि शायद घर में कुछ वास्तु दोष है। तभी लोग वास्तु की अहमियत को समझने लगते हैं।
धर्म डेस्क | National Khabar
हर इंसान अपने सपनों का घर बनाता है, जिसमें वह सुकून और खुशहाली से जीवन बिताना चाहता है। लेकिन कई बार तमाम कोशिशों के बावजूद जीवन में तनाव, झगड़े या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं। इसका एक कारण घर का वास्तु दोष भी हो सकता है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं — खासकर जब हम आधुनिक डिज़ाइन और सुविधाओं को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित करता है। ऐसे में आज का सवाल है — क्या पश्चिम दिशा में किचन बनवाना शुभ है या अशुभ? आइए जानते हैं इसका सही उत्तर और जरूरी उपाय।
जानें – किचन की दिशा सही है या नहीं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर के लिए सबसे शुभ दिशा आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा मानी जाती है, क्योंकि इस दिशा का स्वामी शुक्र ग्रह है, जो घर में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लेकर आता है। यदि किसी कारणवश रसोई इस दिशा में न बन सके, तो वैकल्पिक रूप से पूर्व दिशा भी स्वीकार्य होती है।
लेकिन अगर किचन पश्चिम दिशा में बना है, तो इसे वास्तु के लिहाज से अशुभ माना जाता है। पश्चिम दिशा में रसोई होने से परिवार में अक्सर बीमारियां, तनाव, झगड़े और दुर्घटनाएं होने की आशंका बढ़ जाती है। चूंकि रसोईघर अग्नि तत्व का प्रतीक है, इसलिए जब यह तत्व गलत दिशा में स्थित होता है, तो उसका नकारात्मक प्रभाव पूरे घर पर पड़ सकता है।
इसलिए अगर आपके घर का किचन पश्चिम दिशा में है, तो जरूरी है कि आप कुछ वास्तु उपाय अपनाएं ताकि नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके और परिवार में शांति एवं स्वास्थ्य बना रहे।
इसके साथ ही, दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी नैऋत्य कोण को भी रसोईघर के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिशा में किचन होने से परिवार में अस्थिरता, तनाव और आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं।
क्या करें उपाय
- ईशान कोण में लगाएं सिंदूरी गणेश जी की तस्वीर:
रसोईघर के उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में भगवान गणेश की सिंदूरी रंग की तस्वीर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। - चूल्हे की दिशा रखें पूर्व या उत्तर की ओर:
खाना बनाते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए — इससे सकारात्मकता और शांति बनी रहती है। - सिंक रखें उत्तर-पश्चिम दिशा में:
रसोई में पानी का निकास यानी सिंक हमेशा उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए, जिससे जल तत्व संतुलित रहे। - रसोई का दरवाजा मुख्य द्वार के ठीक सामने न हो:
अगर किचन का दरवाजा मुख्य द्वार के सामने है, तो उसके सामने एक हल्का पर्दा लगाना शुभ माना जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश रोका जा सके।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।