दिल्ली

Delhi का पुल मिठाई अतिक्रमण की चपेट में, एमसीडी के दावे हुए फेल

एमसीडी द्वारा कार्रवाई के बाद भी दो महीने में दोबारा रेहड़ी-पटरी वालों और झुग्गियों ने कब्जा जमा लिया है

मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद दिल्ली के पुल मिठाई इलाके में अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। एमसीडी द्वारा कार्रवाई के बाद भी दो महीने में दोबारा रेहड़ी-पटरी वालों और झुग्गियों ने कब्जा जमा लिया है। इससे न केवल ट्रैफिक जाम की स्थिति गंभीर हो गई है, बल्कि क्षेत्र में अपराध भी बढ़े हैं। स्थानीय निवासी और दुकानदार अब स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं, ताकि यह समस्या दोबारा न हो।

Written by Himanshi Prakash, National Khabar

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 1 मई को दिल्ली के फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सिविक एजेंसियों को जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने का निर्देश दिया था। इसके अगले ही दिन, 2 मई को एमसीडी ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से पुरानी दिल्ली के प्रमुख रेलवे ब्रिज पुल मिठाई पर वर्षों पुराने अतिक्रमण को कुछ घंटों में हटा दिया था। लेकिन अब, दो महीने बाद, वही इलाका फिर से अतिक्रमण की चपेट में आ गया है।

करीब एक किलोमीटर लंबे सड़क और फुटपाथ पर अब दोबारा रेहड़ी-पटरी वालों और झुग्गियों का कब्जा हो गया है। इससे इलाके में ट्रैफिक जाम और आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। एमसीडी अधिकारियों ने दावा किया था कि दोबारा अतिक्रमण नहीं होने देंगे, लेकिन वर्तमान में वहां 20 से अधिक झुग्गियां और 300 से ज्यादा अवैध दुकानें फिर से लग चुकी हैं।

गौरतलब है कि पुल मिठाई पुरानी दिल्ली का एक प्रमुख चौराहा है, जो सदर बाजार, तीस हजारी कोर्ट, बर्फखाना चौक, कश्मीरी गेट, आजाद मार्केट और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को जोड़ता है। स्थानीय निवासियों और बाजार के दुकानदारों ने लंबे समय से इस अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं मिल पाया है।

यह बसावट पिछले करीब 30 वर्षों से चली आ रही है और अब यह क्षेत्र सूखे मेवे, अनाज और मसालों के बाजार के रूप में जाना जाने लगा है। यहां अक्सर नकली और घटिया गुणवत्ता वाले उत्पाद बेहद सस्ते दामों पर बेचे जाते हैं। इससे पहले भी कई बार अतिक्रमण हटाने की कोशिशें हुईं, लेकिन कुछ समय बाद ये दुकानें दोबारा बस जाती थीं।

इस बार भी स्थानीय दुकानदारों ने आशंका जताते हुए सुझाव दिया था कि सड़कों और फुटपाथों को सरफेस पार्किंग के रूप में विकसित कर दिया जाए, जिससे न सिर्फ दोबारा अतिक्रमण रोका जा सकेगा, बल्कि पार्किंग की सुविधा मिलने से जाम की समस्या से भी राहत मिलेगी। हालांकि, एमसीडी ने इस सुझाव पर कोई कार्रवाई नहीं की।

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