
सरकार ने नदी की सफाई और पुनर्जीवन के लिए बनाई गई 45 सूत्रीय योजना के तहत एजेंसियों को निर्देश दिया है कि नवंबर तक यमुना के डूब क्षेत्र से सभी अतिक्रमण हटा दिए जाएं।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
दिल्ली जल बोर्ड, डीपीसीसी, एमसीडी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और डीडीए सहित प्रमुख एजेंसियां मिलकर यमुना की सफाई और कायाकल्प पर काम करेंगी। डीडीए को योजना के अंतर्गत नवंबर माह तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अनधिकृत अतिक्रमण हटाने का निर्देश प्राप्त हुआ है। इससे पूर्व, डीडीए ने यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में स्थित अवैध पौधशालाओं एवं अनधिकृत निर्माणों के विरुद्ध भी कार्यवाही की थी।
अधिकारियों के मुताबिक, पूर्वी, उत्तर-पूर्व और दक्षिणी दिल्ली के बाढ़ क्षेत्रों में कचरा डंपिंग, अनधिकृत आवास और अवैध खेती जैसी अतिक्रमण की शिकायतें मिली थीं। इन्हें हटाकर डीडीए ने अब तक 224 एकड़ बाढ़ भूमि वापस हासिल कर ली है। पूर्वी दिल्ली में असिता समेत कई सार्वजनिक हरित क्षेत्र विकसित किए गए हैं। अप्रैल में डीडीए ने एनजीटी को बताया कि वजीराबाद बैराज और आईएसबीटी कश्मीरी गेट के बीच यमुना वनस्थली परियोजना के तहत 24 एकड़ जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है।
पिछले साल हुए सर्वे में पाया गया था कि दिल्ली में यमुना के बाढ़ क्षेत्र की दो-तिहाई भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है। अब एनडीएमसी और डीडीए को नालों से अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि एमसीडी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नालों के किनारों से अतिक्रमण हटाएंगे।