क्या डायबिटीज वाकई में एक बीमारी है? अधूरी जांच और गलत इलाज से लाखों लोग हो रहे हैं भ्रामित!

डायबिटीज – एक ऐसा शब्द जो आज भारत के हर घर में आम हो चुका है। किसी के माता-पिता इससे ग्रसित हैं, तो किसी के बच्चे तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। लेकिन क्या आपने कभी गहराई से सोचा है कि डायबिटीज असल में होती क्यों है? और क्या जो इलाज आज हम वर्षों से करते आ रहे हैं, वो सही दिशा में है?
Written By: Pragya Jha, National Khabar
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। द लैंसेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 10 करोड़ से अधिक डायबिटीज के मरीज हैं, और करीब 8 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक की अवस्था में हैं। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो इस समस्या की जड़ कुछ और ही है – अधूरी जांच और जल्दबाजी में दी गई दवाइयां।
डॉ एस. कुमार का दावा – डायबिटीज कोई बीमारी नहीं है!
प्रसिद्ध वैकल्पिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ एस कुमार का कहना है कि “डायबिटीज कोई बीमारी ही नहीं है, बल्कि यह शरीर का एक चेतावनी संकेत है।” उनका दावा है कि देश में 90% मरीज बिना पूर्ण जांच कराए ही डायबिटीज की दवाइयां और इंसुलिन लेना शुरू कर देते हैं। और यहीं से गलत इलाज की शुरुआत होती है। वे कहते हैं कि, “अगर सभी मरीज शुरू में ही पूरी जांच करवा लें, तो उन्हें शायद कभी भी दवाइयों या इंसुलिन की ज़रूरत ही न पड़े।”
6 ज़रूरी जांचें जो हर डायबिटिक मरीज को करानी चाहिए
डॉ कुमार के अनुसार, डायबिटीज के सटीक इलाज के लिए कम से कम 6 महत्वपूर्ण जांचें हर मरीज को करानी चाहिए। इन जांचों से शरीर के अंदर चल रहे असंतुलन को पहचाना जा सकता है, जिससे जड़ से इलाज संभव है।
विशेष तौर पर बच्चों के मामले में, ये जांचें और भी विस्तृत हो जाती हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, अधिकतर लोग केवल शुगर लेवल जांच करवा कर उसे ही अंतिम मान लेते हैं और दवा शुरू कर देते हैं।
क्या वाकई में दवा की ज़रूरत है?
डॉ कुमार मानते हैं कि अगर मरीज खुद ‘ठीक होने’ की मानसिकता रखे और पूरी जांच कराए, तो 90% मामलों में बिना दवा के शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। उनका वैकल्पिक इलाज योग, आयुर्वेद, आहार-विहार और मनोबल पर आधारित है। उन्होंने अपनी रिसर्च और प्रैक्टिकल अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे सही जांच और उपचार से सैकड़ों मरीज दवाओं से मुक्त हो चुके हैं।
डायबिटीज की बढ़ती संख्या पर विशेषज्ञों की चिंता
डायबिटीज का कोई स्थायी इलाज अब तक आधुनिक चिकित्सा जगत नहीं ढूंढ पाया है। एलोपैथी में दवाइयों और इंसुलिन पर वर्षों तक निर्भर रहना पड़ता है, जिससे मरीज की हालत धीरे-धीरे और बिगड़ सकती है।
डॉ कुमार का दावा इस सोच को चुनौती देता है। उनका मानना है कि सही जानकारी, संपूर्ण जांच, और प्राकृतिक चिकित्सा से इस “बीमारी” को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। डायबिटीज पर डॉ एस कुमार का क्या कहना है ये जानने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें।
आइए जानते हैं एस कुमार के बारे में
डॉ. एस कुमार Appropriate Diet Therapy Centre के संस्थापक हैं।। डॉ. एस कुमार पीएचडी होल्डर होने के साथ-साथसाथ “डॉक्ट्रेट ऑफ लिटरेचर” की डिग्री रसियन यूनिवर्सिटी से प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही 3 बार गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।। डायबिटीज की दुनिया में शोध करने के लिए उन्हें फ्रांस की सीनेट में भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, डॉ. एस कुमार को लंदन की 200 साल पुरानी पार्लियामेंट में डायबिटीज पर शोध के लिए बेस्ट साइंटिस्ट के अवार्ड से भी नवाजा गया है।
डॉ. एस कुमार अभी तक कई किताबें भी लिख चुके हैं, जिनमें से एक पुस्तक को राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में स्थान भी दिया गया है। भारत में Appropriate Diet Therapy Centre की 56 से अधिक शाखाएं संचालित हैं। यदि आप भी संपर्क करना चाहते हैं तो दिए गए नंबर पर कॉल करें:: +91 9372166486