Breast Cancer के छुपे कारण, जिन्हें महिलाएं अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं

Hidden Causes of Breast Cancer: भारत समेत पूरी दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे बचने के लिए महिलाओं को स्तन कैंसर के वो छुपे हुए कारण भी पता होने चाहिए, जो खतरे को बढ़ाते हैं। जानिए ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कैसे बढ़ता है?
हेल्थ डेस्क | National Khabar
महिलाओं में सबसे आम और तेजी से बढ़ता कैंसर है ब्रेस्ट कैंसर। बीते कुछ वर्षों में इसके मामलों में लगातार इज़ाफा हुआ है। इस बीमारी के कई कारण हो सकते हैं, जिनका महिलाओं को अंदाजा तक नहीं होता।
विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है, खासकर 50 वर्ष की उम्र के बाद यह जोखिम काफी अधिक हो जाता है।
कई बार कुछ ऐसे कारण भी इस बीमारी को जन्म दे सकते हैं जो आमतौर पर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े वे छुपे हुए कारण जिनसे हर महिला को सतर्क रहना चाहिए।
CDC (सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल) की रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती उम्र के अलावा भी कई ऐसे कारण हैं जो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इन कारणों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है, क्योंकि समय रहते जागरूकता ही इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम कर सकती है।
ब्रेस्ट कैंसर के छिपे कारण:
- बढ़ती उम्र:
अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर के मामले 40 से 50 साल की उम्र के बाद सामने आते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, महिलाओं के शरीर में हार्मोन बदलते हैं, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ज़रूरी है कि इस उम्र के बाद महिलाएं समय-समय पर जांच जरूर करवाएं। - आनुवांशिक कारण:
अगर आपके परिवार में किसी को पहले ब्रेस्ट या ओवरी (अंडाशय) का कैंसर हो चुका है, तो आपके लिए भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। खासकर अगर BRCA1 या BRCA2 नाम के जीन में बदलाव (mutation) हो, तो यह खतरा और भी ज़्यादा होता है। - पीरियड्स जल्दी और मेनोपॉज़ देर से होना:
12 साल से पहले पीरियड्स शुरू होना और 55 साल के बाद मेनोपॉज होना — दोनों ही स्थिति में शरीर लंबे समय तक एस्ट्रोजन हार्मोन के संपर्क में रहता है, जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। - डेंस ब्रेस्ट टिशू:
जिन महिलाओं के स्तन ज्यादा घने (dense) होते हैं, उनमें ट्यूमर का पता मैमोग्राम में भी ठीक से नहीं चल पाता, जिससे कैंसर का खतरा छिपा रह सकता है। - पिछला मेडिकल इतिहास:
अगर पहले कभी ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, या ऐसी स्थितियां रही हैं जैसे ‘एटिपिकल डक्टल हाइपरप्लासिया’ या ‘लोबुलर कार्सिनोमा इन सिटू’, तो दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। - पारिवारिक इतिहास:
अगर आपकी मां, बहन या बेटी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, खासकर कम उम्र में, तो आपके लिए भी खतरा अधिक होता है। - रेडिएशन थेरेपी:
अगर आपने 30 साल की उम्र से पहले छाती पर रेडिएशन थेरेपी ली है (जैसे कैंसर के इलाज के दौरान), तो भविष्य में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें:
- शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहना
- मेनोपॉज़ के बाद वजन बढ़ना
- हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेना
- अत्यधिक शराब का सेवन
- 30 साल की उम्र के बाद पहली बार गर्भवती होना
- ब्रेस्टफीडिंग न कराना
ये सभी आदतें धीरे-धीरे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या या उपचार से पहले कृपया अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। नेशनल खबर इस जानकारी की पूर्ण सत्यता, सटीकता या प्रभाव के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।