27 जून: नेशनल HIV टेस्टिंग डे—समय पर जांच क्यों है ज़रूरी?

HIV एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। यह शरीर की CD4 कोशिकाओं को नष्ट करता है, जिससे व्यक्ति बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि कई लोग संक्रमित होने के बावजूद इस बारे में जानते तक नहीं। इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 27 जून को राष्ट्रीय HIV टेस्टिंग दिवस मनाया जाता है।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
HIV टेस्टिंग क्यों है ज़रूरी? जानिए इस गंभीर वायरस से जुड़ी अहम बातें
HIV एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह सबसे पहले उन सेल्स पर हमला करता है, जो हमें बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। नतीजा ये होता है कि व्यक्ति का इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है, जिससे उसे कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि आज भी बड़ी संख्या में लोग HIV से संक्रमित हैं, लेकिन उन्हें इसके बारे में पता तक नहीं होता। इसी कारण हर साल 27 जून को ‘नेशनल HIV टेस्टिंग डे’ मनाया जाता है ताकि लोगों को इस गंभीर संक्रमण के बारे में जागरूक किया जा सके और उन्हें टेस्ट कराने के लिए प्रेरित किया जा सके।
आज हम आपको HIV से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां और जरूरी टेस्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं:
HIV क्या है?
HIV (Human Immunodeficiency Virus) एक ऐसा वायरस है जो शरीर में मौजूद CD4 सेल्स (एक प्रकार की WBC) को नुकसान पहुंचाता है। ये सेल्स इन्फेक्शन से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। HIV मुख्य रूप से एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STI) है, और समय रहते इलाज न किया जाए तो यह एड्स (AIDS) में बदल सकता है। अच्छी बात यह है कि अब HIV का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए समय पर जांच और पहचान जरूरी है।
HIV टेस्ट क्यों कराना चाहिए?
HIV के शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते। कई लोग वर्षों तक संक्रमित रहते हैं और उन्हें इसका एहसास भी नहीं होता। इससे न केवल उनकी सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि दूसरों को भी संक्रमित करने का खतरा रहता है। इसलिए HIV टेस्ट कराना बेहद जरूरी है – ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके।
HIV टेस्ट कैसे होता है?
आज के समय में HIV की जांच बेहद आसान और कम समय में हो जाती है। कुछ टेस्ट तो सिर्फ 20 मिनट में ही नतीजे दे देते हैं। इसके लिए खून या मुंह के अंदर की कोशिकाओं का सैंपल लिया जाता है।
HIV टेस्ट के प्रकार
- NAT (Nucleic Acid Test)
यह परीक्षण वायरस की मात्रा (वायरल लोड) का भी पता लगाता है। - एंटीजन/एंटीबॉडी टेस्ट
यह शुरुआती संक्रमण को पकड़ सकता है और यह सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाने वाला टेस्ट है। - एंटीबॉडी टेस्ट
यह जांचता है कि शरीर ने HIV से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाई है या नहीं।
किसे कराना चाहिए HIV टेस्ट?
- यदि आपने कभी बिना कंडोम के सेक्स किया है।
- यदि आपके एक से अधिक सेक्स पार्टनर रहे हैं।
- यदि पार्टनर का HIV स्टेटस पता नहीं है।
- यदि आपने नशे के लिए सुई का इस्तेमाल किया है या किसी के साथ सुई शेयर की है।
- यदि आप यौन शोषण का शिकार हुए हैं।
- यदि आप प्रेग्नेंट हैं – क्योंकि HIV की जानकारी समय पर न मिलने से गर्भ में पल रहे शिशु को भी खतरा हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान HIV टेस्ट क्यों जरूरी है?
यदि मां को HIV है और समय रहते इसका पता नहीं चलता, तो वायरस बच्चे तक भी पहुंच सकता है। लेकिन यदि शुरुआती चरण में ही जांच कर ली जाए, तो इसका इलाज संभव है और मां से बच्चे में संक्रमण का खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है।
HIV एक गंभीर लेकिन काबू में लाया जा सकने वाला वायरस है – बशर्ते कि समय रहते इसकी पहचान हो जाए। इसलिए 27 जून जैसे जागरूकता वाले दिनों पर ही नहीं, बल्कि साल भर, हमें अपनी और अपने पार्टनर की सेहत के प्रति सतर्क रहना चाहिए। समय पर HIV टेस्ट कराना न सिर्फ आपकी बल्कि दूसरों की ज़िंदगी भी बचा सकता है।