
NGT में दिल्ली सरकार ने बताया कि नजफगढ़ के जोहड़ पर डीटीसी ने टर्मिनल बनाकर करीब 30 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष प्रस्तुत किया कि नजफगढ़ खतौनी क्षेत्र में स्थित एक जोहड़ (जल संग्रहण क्षेत्र) की भूमि पर दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा अवैध अतिक्रमण कर टर्मिनल निर्माण किया गया है।
डीटीसी पर अवैध कब्जे का आरोप
यह बयान दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जिलाधिकारी (डीएम) ने याचिकाकर्ता करतार सिंह की याचिका के जवाब में दिया। याचिकाकर्ता ने अपने आवेदन में आरोप लगाया कि नजफगढ़ खतौनी की करीब 30 बीघा जलाशय भूमि पर डीटीसी ने टर्मिनल और बहुमंजिला इमारत अवैध रूप से बना दी।
जमीन जोहड़ के रूप में दर्ज, डीटीसी का अतिक्रमण
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के डीएम ने अपने हलफनामे में एनजीटी को बताया कि जिस जमीन पर डीटीसी ने टर्मिनल बनाया है, वह रिकॉर्ड में जोहड़ (जल निकाय) के रूप में दर्ज है। डीएम ने कहा कि वर्तमान में इस जल निकाय की जमीन पर डीटीसी का अतिक्रमण है और वहां टर्मिनल स्टैंड खड़ा कर दिया गया है। यह जवाब एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, ज्यूडिशियल मेंबर जस्टिस सुधीर अग्रवाल और एक्सपर्ट मेंबर डॉ. सेंथिल वेल की बेंच के समक्ष दाखिल किया गया।
वहीं, मामले में प्रतिवादी डीडीए ने अपने जवाब में कहा कि यह जल निकाय पहले ही एमसीडी को हस्तांतरित कर दिया गया था।
जवाब दाखिल करने के लिए मिला अंतिम मौका
ट्रिब्यूनल ने ध्यान दिया कि डीटीसी के प्रबंध निदेशक और एमसीडी कमिश्नर की ओर से अब तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है। इस पर बेंच ने उन्हें अंतिम मौका देते हुए जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया। मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को तय की गई है। इस दौरान ट्रिब्यूनल ने डीटीसी को निर्देश दिया कि विचाराधीन जल निकाय पर कोई नया निर्माण न किया जाए।