Wednesday, January 15, 2025
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West Bengal: अपराजिता बिल पर केंद्र ने ममता को घेरा, Kiren Rijiju ने तीन साल पुरानी चिट्ठी का हवाला देकर उठाए सवाल !

पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा राज्य बलात्कार विरोधी विधेयक को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद, केंद्रीय मंत्री Kiren Rijiju ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee की आलोचना करते हुए एक बयान दिया।

Written By : Prakhar Srivastava

31 वर्षीय ट्रेनी लेडी डॉक्टर को कोलकाता के आरजी कल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई हैवानियत को कई दिन बीत चुके हैं।

लेकिन अभी भी इस पर राजनीतिक बहस चल रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित बलात्कार विरोधी बिल पर बुधवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया दी। 11 नवंबर, 2018 को Kiren Rijiju ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पहले (ट्विटर) पर एक पत्र की प्रति साझा की थी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।

जिसमें उन्होंने ‘अपराजिता महिला और बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024’ प्रस्तुत किया था।

इस दौरान, उन्होंने कहा कि वह शुरू में अपराध को रोकने के लिए “कार्रवाई करने में विफल” थीं। 2018 में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने दुष्कर्म जैसे अपराधों से निपटने के लिए कठोर कानून पारित किया था। लंबित बलात्कार और POCSO अधिनियम के मामलों की त्वरित जांच और निपटारा करने के लिए फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें (FTSC) बनाने का लक्ष्य था।

2019 और 2021 में कई बार बातचीत और पत्राचार करने के बावजूद, तृणमूल कांग्रेस ने कानून लागू करने पर सहमति नहीं बनाई।

Kiren Rijiju ने पत्र में ममता बनर्जी सरकार से एफटीएससी की स्थापना में हस्तक्षेप करने की मांग की है, जिससे पोक्सो कानून और पश्चिम बंगाल में लंबित बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई और निपटान हो सके। पत्र में कहा गया है कि 20E पॉक्सो अदालतों सहित 123 FTSC पश्चिम बंगाल राज्य के लिए बनाए गए थे, लेकिन राज्य सरकार की सहमति नहीं मिली। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सर्वसम्मति से राज्य बलात्कार विरोधी विधेयक पारित किया है, जिसमें बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की गई है, इस पर केंद्र ने प्रतिक्रिया दी है।

मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सर्वसम्मति से दुष्कर्म रोधी बिल को पारित किया

पश्चिम बंगाल में हाल में पारित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम 2012 को संशोधित करने का प्रस्ताव विधेयक करता है। इसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य हिंसा और अपराध की तत्काल जांच करना है। ऐसे मामलों को जल्द से जल्द सुनवाई करना और सख्त से सख्त सजा देना चाहिए।

सरकार ने 9 अगस्त को कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ हुए कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद विधेयक बनाया है।

यह कानून लागू होने से पहले बंगाल के राज्यपाल और राष्ट्रपति दोनों की सहमति की जरूरत है। यह पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था में यौन अपराधों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित करेगा। ममता बनर्जी ने विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा पेश किए गए विधेयक पर चर्चा करते हुए इसे एक “ऐतिहासिक” विधेयक बताया।

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