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“जिस व्यक्ति को मानव मूल्य नहीं हैं, वो दलीलें देने लायक नहीं हैं”। “श्रीकांत त्यागी” पर कोर्ट का बड़ा बयान !

रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा

पिछले साल 5 अगस्त को भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी को महिला से अभद्रता, गाली गलौज और मार पीट करने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। ये पूरा घटना क्रम ओमेक्स ग्रैंड सोसाइटी में हुआ जिसके बाद श्रीकांत त्यागी सहित कई लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगाकर उनकी गिरफ्तारी कर ली गयी।जिसके बाद त्यागी समाज काफी ज्यादा भड़क गया और प्रदर्शन करने लगा। ये मामला सोशल मीडिया पर तो चल ही रहा था लेकिन तूल पकड़ना तब शुरू हुआ जब गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा सोसाइटी पहुंचे। उन्होंने लखनऊ फ़ोन करके कमिश्नर से शिकायत की।

जिसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाकर गिरफ्तार करने की बात की और 25 हज़ार का इनाम भी घोषित किया गया था। आरोपी को मेरठ से गिरफतार किया गया था। श्रीकांत त्यागी की गिरफ़्तारी को राजनितिक रूप देने की कोशिश की गयी। फरार के दौरान अवैध कब्जे पर बुलडोजर भी चलवा दिया गया। बहरहाल अभी भी वो मामला हाई कोर्ट में हैं। श्रीकांत त्यागी की सुरक्षा की मांग पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें बड़ा झटका दिया हैं। जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार ने इस याचिका को लेकर कहा कि जिस व्यक्ति के पास मानव जीवन का मूल्य नहीं हैं, जिसने गलत रास्ता चुना, उसे इस तरह की दलील देने का कोई हक़ नहीं हैं की राज्य सरकार उन्हें उनके पप्रतिद्वंद्वियों से सुरक्षा दे।

दरअसल ये बात सामने आई की याचिकागण की तरफ से मांग की गयी थी की एक हिस्ट्रीसीटर और उसके गिरोह द्वारा त्यागी को जान से मारने की धमकी मिली थी और त्यागी द्वारा एक आपराधिक मामले में केस वापस लेने की बात कही थी। इस वजह से उन्हें और उनके परिवार को मारने की धमकी दी गयी थी।

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