बीजेपी की मंडल और कमंडल को साधने की रणनीति कहाँ तक रही कारगर ?
बीजेपी के लिए एक खुशखबरी सुनाई पड़ी है शाही ईदगाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है वो मंडल और कमंडल दोनों को साधने में मद्दत करेगा।
Written By: Pragya Jha
बीजेपी के लिए बड़ी खुशखबरी
एक जमाना ऐसा था जब बीजेपी को सिर्फ बनियों और स्वर्णो की पार्टी का सम्बोधन दिया जाता था। लेकिन समय बदल रहा है जो बीजेपी 2014 से पहले गुजरात से दिल्ली आने में हांफती हुई नज़र आती थी वो आज देश के आधे से ज्यादा राज्यों में सरकार बना चुकी है। इस जीत को हासिल करने में सबसे बड़ा हिस्सा रहा है “हिंदुत्व की राजनीति”। इस रणनीति में धार लगाने का काम कर रहा है लगातार कोर्ट का आता फैसला। पहले ज्ञानवापी मस्जिद और अब शाही ईदगाह। शाही ईदगाह को लेकर फैसला सुप्रीम कोर्ट का सामने है की शाही ईदगाह का सर्वेक्षण नहीं रुकेगा। इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद जहाँ हिन्दुओं का मन्ना है की औरंगजेब ने मंदिर को तोड़ा कर मस्जिद बनवाई उसे लेकर हंगामे के साथ राजनीति अपने चरम पर रही। CM Yogi तो एक टूक कह चुके हैं की मुसलमानो को प्रस्ताव देना चाहिए और ऐतिहासिक गलती को सुधारा जाना चाहिए। साथ ही शाही ईदगाह का फैसला भाजपा के मुख पर मुस्कराहट ले आया है।
2024 नहीं होगा आसा।
भले ही बीजेपी दाव-पेंच के साथ साथ अपने कदम भी फुक फुक कर रख रही है और दावा कर रही है की 2024 बीजेपी का है। लेकिन ये आसान नहीं होने वाला है। पार्टी के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है INDIA गठबंधन क्यूंकि सभी पार्टियां एक साथ मिलकर बीजेपी को हराने के लिए एकजुट हो रहे हैं। ऐसे में ये सभी मिलकर बीजेपी के वोट बैंक को कम करने की कोशिश करेंगे। इसमें पार्टी को ये ध्यान रखना होगा की कैसे OBC वोटबैंक को एकमुश्त करना है। यूँ तो अभी OBC वोट को भी BJP के खाते में जाते हुए देखा जा सकता है।
शाही ईदगाह को लेकर क्या है फैसला
कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का मसला बरसों से चल रहा है। ऐसे में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 14 दिसंबर को फैसला दिया की शाही ईदगाह के परिसर का सर्वेक्षण जारी रहेगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है।