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Gilded Cage: शेख अब्दुल्ला की बर्खास्तगी से जेल तक… संदीप बामजई की गिल्डेड केज में कश्मीर घाटी का इतिहास दर्ज है

रिपोर्ट: मानसी त्यागी

जैसा कि सभी लोग जानते हैं कश्मीर का इतिहास या कश्मीर का मामला हर तरीके से ही एक संगीन और दिलचस्प ब्यौरा रहा है, और यहां तक कि कश्मीर के इतिहास के बारे में जानने के लिए सब लोग पूरी तरह से उत्सुक रहते हैं। तो उन्हीं लोगों के लिए संदीप बामजाई की गिल्डेड केज किताब बहुत ही अहम और महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इस किताब में आप ब्रिटिश राज का खत्म होना, शेख अब्दुल्ला का कारावास में जाना और उसके बाद की सभी घटनाओं का जिक्र इस किताब में आसानी से देखने को मिलता है।

–हैं कौन संदीप बामजाई

दरअसल संदीप बामजाई का करियर कोलकाता से शुरू हुआ, जहां इन्होंने द स्टेट्समैन के साथ क्रिकेट लेखक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इन्होंने अपनी पढ़ाई नई दिल्ली के सेंट कोलंबिया स्कूल से पूरी की, लेकिन इन्होंने अपना स्नातक कोलकाता के विश्वविद्यालय से किया। इनकी दिलचस्पी हमेशा से ही राजनीति में गहरी रही है। अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद संदीप बामजाई ने द इंडियन एक्सप्रेस, बिजनेस इंडिया हिंदुस्तान टाइम्स में काम किया। आपको यह भी बता दें कि इन्हें पिछले दो दशकों में टीवी टुडे में कार्यकारी संपादक और फाइनेंशली क्रॉनिकल में प्रधान संपादक और सीईओ के रूप में समाचारों पर फ्रंटलाइन के रूप में भी देखा गया है। बात करें संदीप बामजाई के वर्तमान की तो यह एशियन न्यूज़ सर्विस के प्रधान संपादक और प्रबंध निदेशक हैं।

– संदीप बामजाई की गिल्डेड केज के कुछ अंश

इस किताब में पूरा इतिहास कश्मीर का है, जैसे किस तरीके से शेख अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के लिए कश्मीर हड़पने के जिन्ना के सपने को चकनाचूर कर दिया, कैसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कश्मीर के लिए अपनी कार्रवाई को शुरू किया और इस किताब में यह भी जिक्र है कि किस तरह शेख अब्दुल्ला ने अपने आप को स्वतंत्र कश्मीर के रूप में बांध लिया। 1947 के तनावपूर्ण अक्टूबर की दास्तां का पूरा किस्सा इस किताब में खजाने के रूप में कैद है। संदीप बामजाई ने अपने दादा के.एन बामजाई अब तक के सभी अप्रकाशित पत्रों को पूरी तरीके से खंगाला, जिन पत्थरों ने बाद में शेख अब्दुल्ला के निजी सचिव के रूप में कार्य किया था। संदीप बामजाई ने अपने दादा केएन बामजाई के पत्रों में पाया कि कैसे शेख ने अमेरिकियों को बेचने की कोशिश की।

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