दूसरे राज्यों के प्रतिभावान अभ्यर्थी भी बिहार में बन सकेंगे सरकारी टीचर
रिपोर्ट: नेशनल खबर
बिहार में किसी भी राज्य के यौग्य अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। शिक्षकों की नियुक्ति में स्थानीय स्तर पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं होगी। शिक्षक नियमावली में संशोधन किया जाएगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी। देर शाम शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी।
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा कि पर्याप्त संख्या में रिक्तियों के कारण ऐस निर्णय लिया गया।
विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलते थे। सरकार को सुयोग्य अभ्यर्थियों की तलाश है। कुछ समय पहले ही सरकार ने पंचायत और नगर निकाय से शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया को समाप्त करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया था।
आयोग के जरिए नियुक्त शिक्षकों को राज्य कर्मियों का दर्जा मिलेगा। नई नियमावली के तहत 1.70 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसके लिए बिहार के स्थायी निवासी की अहंता तय की गई थी नियमावली में संशोधन के बाद अब इसमें किसी भी प्रदेश के अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे और बिहार में शिक्षक बन सकेंगे।
शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली रह जाते थे। इसलिए राज्य मंत्रिमंडल द्वारा शिक्षक नियमावली में संशोधन कर डोमिसाइल (स्थानीय निवासी) की शर्त को समाप्त किया गया है। इससे प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में सम्मिलित होने का अवसर मिलेगा।
यह निर्णय शिक्षक पद की रिक्तियों के कारण लिया गया। कंप्यूटर विज्ञान, अंग्रेजी और गणित विषय में अभ्यर्थियों की संख्या कम थी। इसलिए भी यह निर्णय स्कूली शिक्षा के हित में है। नियमावली में संशोधन से विभिन्न राज्यों के प्रतिभावान बेरोजगारों को अवसर मिलेगा। बेहतरीन शिक्षण कार्य के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षक चाहिए। इसलिए नियमावली में संशोधन हुआ। डोमिसाइल समाप्त किए जाने के विरोध के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हर बात का विरोध होता है।