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Pearl Ring: मोती की अंगूठी किस हाथ में और किस उंगली में पहननी चाहिए? जानें सही तरीका

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति के आधार पर अंगूठी पहनना शुभ फल देता है। उसी तरह, चंद्रमा की शांति और मजबूत प्रभाव के लिए मोती (पर्ल) को पहनना बेहद लाभकारी और शुभ माना गया है।

धर्म डेस्क | National Khabar

Pearl Ring: मोती, जिसे पर्ल कहा जाता है, चंद्रमा का रत्न माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा मन और भावनाओं के कारक ग्रह होते हैं। इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि मोती पहनने से व्यक्ति के मन से नकारात्मक विचार दूर होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।

जो लोग मोती धारण करते हैं, उनके वैवाहिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव देखे जाते हैं – साथी से झगड़े या मनमुटाव कम होते हैं, और प्रेम संबंधों में मधुरता आती है। वहीं छात्रों के लिए भी यह रत्न फायदेमंद माना गया है, खासकर उन बच्चों के लिए जिनका पढ़ाई में मन नहीं लगता।

हालांकि, मोती पहनने से पहले कुछ जरूरी सावधानियों और नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं, मोती धारण करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

मोती किस हाथ में पहनना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को अपने सक्रिय (जिसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है) हाथ में ही मोती की अंगूठी पहननी चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आप दाहिने हाथ से काम करते हैं, तो आपको मोती की अंगूठी दाएं हाथ में पहननी चाहिए। ऐसा करने से मोती का प्रभाव अधिक शुभ और फलदायक माना जाता है।

मोती किस उंगली में पहनना चाहिए?

जिन लोगों का काम करने वाला हाथ दायां होता है, उन्हें मोती की अंगूठी दाएं हाथ की कनिष्ठिका (छोटी उंगली) में पहननी चाहिए। ऐसा करने से चंद्रमा का प्रभाव और भी मजबूत होता है। साथ ही, मोती को चांदी की अंगूठी में धारण करना सबसे शुभ माना गया है।

मोती किस दिन पहनना चाहिए?

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को सही मुहूर्त में करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी तरह, मोती की अंगूठी भी यदि सही दिन और विधि से पहनी जाए तो इसका प्रभाव अधिक शुभ होता है।

मोती पहनने के लिए सबसे उपयुक्त दिन होता है — शुक्ल पक्ष का सोमवार। इसके अलावा, पूर्णिमा के दिन भी मोती धारण करना बहुत ही फलदायी माना जाता है।

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, मोती की अंगूठी कम से कम 7 से 8 रत्ती की होनी चाहिए ताकि इसका असर पूरी तरह मिल सके।

धारण करने से पहले मोती को गंगाजल या गाय के कच्चे दूध में लगभग 10 मिनट तक भिगोकर शुद्ध किया जाना चाहिए। फिर अंगूठी पहनने से पहले, शांत मन से “ॐ चंद्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे चंद्रमा की सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है और अंगूठी का पूरा लाभ मिलता है।

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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