आज के समय में 430 मिलियन डायबिटिक मरीज होने के पीछे क्या है कारण ?
रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा
डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं WHO के मुताबिक 2000 से 2019 के बीच में 3% मरीजों में वृद्धि हुई है। अगर हालिया की बात करे तो विश्व में 430 मिलियन डायबिटिक मरीज हैं और अगर ऐसे ही मरीजों की संख्या बढ़ती रही तो जल्दी ही भारत डायबिटिक मरीजों का गढ़ माना जाएगा। डायबिटीज के बारे में मेडिकल फील्ड का कहना है की ये एक बीमारी है लेकिन साइंस कहता है की डायबिटीज कोई बीमारी नहीं है। साइंस के मुताबिक ये एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है जिसे ठीक किया जा सकता है ये साइंटिस्ट डॉ एस कुमार का कहना है। डॉ एस कुमार के मुताबिक भारत में 90% लोगों को डायबिटीज नहीं है। वो हमेशा से ही बेकार की दवाइयां ले रहे हैं और हमारा शरीर खुद ही इन्सुलिन बनाता है लेकिन अगर आप अधिक इंसुलिन लेते हैं तो वो आपके लिए नुकसान दायक हो सकती है। उनके मुताबिक भारत में डायबिटीज के बारे में पता करने के लिए 3 तरह के टेस्ट होते हैं जो पूरे नहीं होते। डायबिटीज के बारे में जानने के लिए 6 तरह के टेस्ट होते हैं। जिनका जिक्र मेडिकल की किताबों में लिखा हुआ है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये की आखिर बाकी डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स इन टेस्ट को क्यों नहीं करते हैं ?
इस बात की जानकारी आपको मिलेगी निचे दिए गए लिंक में–
आइए जानते हैं एस कुमार के बारे में-
डॉ. एस कुमार Appropriate Diet Therapy Centre के संस्थापक हैं । डॉ. एस कुमार पीएचडी होल्डर होने के साथ साथ “डॉक्ट्रेट ऑफ लिटरेचर” की डिग्री रसियन यूनिवर्सिटी से प्राप्त कर चुके हैं साथ ही 3 बार गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं । डायबिटीज की दुनियां में शोध करने के लिए उन्हें फ्रांस की सीनेट में भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं डॉ. एस कुमार को लंदन की 200 साल पुरानी पार्लियामेंट में डायबिटीज पर शोध के लिए बेस्ट साइंटिस्ट के अवार्ड से भी नवाजा गया है।
डॉ. एस कुमार अभी तक कई किताबें भी लिख चुके हैं, जिनमें से एक पुस्तक को राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में स्थान भी दिया गया है। भारत में Appropriate Diet Therapy Centre की 56 से अधिक शाखाएं संचालित हैं यदि आप भी संपर्क करना चाहते हैं तो दिए गए नंबर कॉल करें : +91 937216648