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दर्जी की निर्मम हत्या पर बनी फिल्म — क्यों मचा बवाल? जानें ‘उदयपुर फाइल्स’ की पूरी कहानी

विजय राज की फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ रिलीज से पहले ही विवादों में फंस गई है। कई राजनीतिक दलों ने इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या है, जिसने इसे विवादों के केंद्र में ला दिया है। आइए जानते हैं पूरी कहानी।

मनोरंजन डेस्क | नेशनल खबर

विजय राज इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में उनके साथ रजनीश दुग्गल, प्रीति झंगियानी, कमलेश सावंत और मुश्ताक खान जैसे कई कलाकार भी नजर आएंगे। हाल ही में जब फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ, तो इसके तुरंत बाद ही इसे बैन करने की मांग उठने लगी। जमीयत उलेमा-ए-हिंद, जमाअत-ए-इस्लामी और समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आजमी तक इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं।

अब सवाल यह है कि ‘उदयपुर फाइल्स’ में ऐसा क्या है, जिसने इसे विवादों के घेरे में ला दिया? आइए जानते हैं इस फिल्म की कहानी और विवाद की पूरी वजह।

‘उदयपुर फाइल्स’ की कहानी क्या है?

विजय राज स्टारर ‘उदयपुर फाइल्स’ की कहानी 28 जून 2022 को हुई दर्जी कन्हैयालाल साहू की नृशंस हत्या पर आधारित है। उस दिन गोस मोहम्मद और रियाज अत्तारी नाम के दो लोग कपड़े सिलवाने के बहाने कन्हैयालाल की दुकान में घुसे। बातचीत के दौरान एक ने उनका ध्यान भटकाया और दूसरे ने धारदार हथियार से उन पर हमला कर दिया। कन्हैयालाल हमलावरों से रहम की गुहार लगाते रहे, लेकिन दोनों ने बेरहमी से उनका गला रेत दिया। यही नहीं, दोनों हमलावरों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।

दो दिन में पकड़े गए आरोपी

हत्या के बाद दोनों आरोपी मौके से भाग निकले, लेकिन पूरे देश में मचे हंगामे के बीच पुलिस ने महज दो दिन के भीतर उन्हें पकड़ लिया। बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच केंद्रीय एजेंसियों को सौंप दी गई। हालांकि, इतने समय गुजर जाने के बाद भी दोनों आरोपियों को अब तक सजा नहीं मिल पाई है।

क्यों हो रहा है विवाद?

फिल्म का ट्रेलर सामने आने के बाद से ही कई संगठन और राजनीतिक दल विरोध में उतर आए हैं। उनका आरोप है कि इस फिल्म के जरिए समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है और यह कानून-व्यवस्था को बिगाड़ सकती है। इसी वजह से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की जा रही है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म को बैन करने की मांग की है। उनका कहना है कि फिल्म में ऐसे दृश्य और बातें दिखाई गई हैं, जो सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया से फिल्म का ट्रेलर हटाने की भी मांग की।

बावजूद इसके, ‘उदयपुर फाइल्स’ 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है। अब देखना होगा कि फिल्म रिलीज होती है या विरोध के चलते इसे कोई झटका लगता है।

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