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आयुष्मान भारत योजना धोखाधड़ी पर ईडी की बड़ी कार्रवाई.

धोखाधड़ी में शामिल कई नामी अस्पताल और मालिकों को नेताओं का आयुष्मान प्राप्त।

Written By: Prakhar Srivastava, National Khabar

(ईडी) ने आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों द्वारा की गई धोखाधड़ी के सिलसिले में पंजाब और हिमाचल के राज्यों में 19 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। ईडी ने कहा कि उसकी कार्रवाई हिमाचल के राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज मामले पर आधारित है, जिसमें ऊना के बांके बिहारी अस्पताल और अन्य पर फर्जी एबी-पीएमजेएवाई आईडी कार्ड बनाने का आरोप लगाया गया है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि बांके बिहारी अस्पताल के अलावा फोर्टिस अस्पताल, बालाजी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम और श्री हरिहर अस्पताल ने एबी-पीएमजेएवाई योजना का अवैध फ़ायदा उठाया।

कांग्रेस विधायक आरएस बाली और हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी माने जाने वाले राजेश शर्मा का श्री बालाजी अस्पताल भी जांच के घेरे में है। जांच के दौरान, 373 फर्जी आयुष्मान कार्ड की बात सामने आयी जिसमें आयुष्मान कार्ड उपयोगकर्ता को दिए गए उपचार के नाम पर सरकार से भरपाई के लिए लगभग 40,68,150 रुपये का दावा किया गया था, ईडी की एजेंसी ने कहा, “ऐसे फर्जी उपयोगकर्ताओं और लाभार्थीयो की सूची में रजनीश कुमार और पूजा धीमान के नाम शामिल हैं, जिन्होंने जाँच के बाद ऐसे किसी भी पीएमजेएवाई कार्ड के होने या उसके बारे में कोई जानकारी होने से भी इनकार किया।”इसके अलावा, उन्होंने इनमें से किसी भी अस्पताल में ऐसा कोई उपचार नहीं कराया।

” इसके अलावा, अस्पतालों ने ऐसे उपचार, सर्जरी, भर्ती के लिए दावे किए हैं जो वास्तव में रोगी को कभी दिए या किए ही नहीं गए। एजेंसी ने कहा रक्षा देवी को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया, हालांकि, अस्पताल ने “धोखाधरी और अवैध रूप से” रक्षा देवी के पैकेज को रोक दिया। ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि इन अस्पतालों को नियमों का पालन न करने के कारण आयुष्मान भारत योजना से हटा दिया गया हैं।हिमाचल प्रदेश में अब तक 8937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। अब तक की गई ईडी की जांच के अनुसार, इस मामले में लगभग 25 करोड़ रुपये का पीओसी शामिल है।

देश में हो रहे इस अवैध कार्य जिसमें स्वास्थ जैसी चीज़ो को भी धांधली में जोड़ा जा चुका है इसमें सरकार सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी को विरोध करने की जरुरत है
और ऐसे अस्पतालों को भी पूरी तरह से रद्द कर देना होगा।

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