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कुंडली में केस और मुकदमे का इशारा देते हैं ये 5 अशुभ योग

कोर्ट केस या पुलिस से जुड़ी परेशानियां केवल किस्मत का खेल नहीं होतीं, बल्कि आपकी कुंडली में बने खास योग और दशाएं भी इसके पीछे जिम्मेदार होती हैं। इसमें खासतौर पर कुंडली का 6वां, 8वां और 12वां भाव सबसे अहम भूमिका निभाते हैं।

धर्म डेस्क | नेशनल खबर

कभी-कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि इंसान अचानक पुलिस केस या कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस जाता है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ जाता है और परिवार भी प्रभावित होता है। ऐसे में ज्योतिष मार्गदर्शन का काम कर सकता है। आइए जानें कुंडली में किन योगों से पुलिस या कोर्ट केस के संकेत मिलते हैं और उनसे बचने के उपाय क्या हैं।

कुंडली में पुलिस या कोर्ट केस के संकेत और बचाव के उपाय:

कई बार जीवन में ऐसे हालात आ जाते हैं जब इंसान अनचाहे ही कानूनी परेशानियों में उलझ जाता है। लोग इसे अक्सर किस्मत का खेल मानते हैं, लेकिन ज्योतिष के मुताबिक कुंडली के कुछ खास योग और ग्रह दशाएं भी इसके पीछे होती हैं। आइए जानते हैं कि कौन से भाव और ग्रह कोर्ट-कचहरी और पुलिस केस का खतरा बढ़ाते हैं, और किन उपायों से इससे बचा जा सकता है।

कुंडली के ये भाव बताते हैं विवाद का इशारा:

  1. छठा भाव (6th House) – झगड़े, दुश्मन, मुकदमे और कोर्ट केस का मुख्य भाव। अगर इस पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो या इसका स्वामी अशुभ स्थिति में हो तो विवादों की संभावना रहती है।
  2. आठवां भाव (8th House) – अचानक आने वाली मुसीबतें, धोखा, जेल और गुप्त शत्रु इसी भाव से देखे जाते हैं।
  3. बारहवां भाव (12th House) – जेल, जुर्माना, बेवजह खर्च और मानसिक एकांत इस भाव के प्रभाव में आते हैं।

ग्रह जो कानूनी उलझन का कारण बन सकते हैं:

  1. राहु – झूठे आरोप, धोखा और भ्रम की स्थिति पैदा करता है।
  2. शनि – कानून, सजा और प्रशासन से टकराव का कारक।
  3. मंगल – गुस्सा, हिंसा और टकराव, जिससे पुलिस केस तक बात पहुँच सकती है।
  4. सूर्य – कमजोर हो तो प्रशासन और सरकारी झंझट बढ़ाता है।
  5. केतु – गुप्त शत्रु और अचानक संकट लाकर कानूनी झंझटों में डाल सकता है।

खतरनाक योग जो बचना मुश्किल बना देते हैं:

  1. छठे भाव का स्वामी अगर आठवें या बारहवें भाव में हो तो हार और सजा की संभावना रहती है।
  2. आठवें भाव का स्वामी अगर छठे भाव में हो तो लंबा कोर्ट केस चलता है।
  3. मंगल और राहु अगर छठे भाव में हों तो हिंसक विवाद या क्रिमिनल केस की आशंका रहती है।
  4. शनि और राहु केंद्र में (1,4,7,10) हों तो प्रशासनिक उलझनें बढ़ सकती हैं।
  5. राहु-शनि की दशा में अगर ये भाव सक्रिय हों तो पुलिस केस की संभावना काफी बढ़ जाती है।

दशा और अंतरदशा का असर:

  1. राहु, शनि, मंगल या 6, 8, 12 भाव के स्वामी की दशा में कोर्ट केस की स्थिति बन सकती है।
  2. कमजोर चंद्रमा मानसिक तनाव बढ़ाता है।
  3. सूर्य की खराब दशा से सरकारी विवाद खड़े हो सकते हैं।

कुछ अन्य विशेष संकेत:

  1. चंद्रमा पर राहु/केतु की दृष्टि हो तो सही-गलत का अंतर समझ नहीं आता और विवाद बढ़ सकता है।
  2. लग्नेश पाप ग्रहों से घिरा हो तो प्रशासन से टकराव होता है।
  3. सूर्य अस्त या नीच का हो तो सरकारी परेशानी आती है।
  4. गल-शनि की युति हो तो झगड़ा और केस की नौबत आ सकती है।

उपाय जो राहत दे सकते हैं:

  1. नियमित हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।2. शनिवार को काले तिल और लोहे का दान करें।
  2. रोज सूरज को जल चढ़ाएं ताकि सरकारी मामलों में राहत मिले।
  3. “ॐ रुण हरणाय नमः” का जाप कोर्ट केस से छुटकारा दिलाने में मददगार माना जाता है।5. मंगल, राहु और शनि के लिए विशेष शांति के उपाय करें।

पुलिस या कोर्ट केस से जुड़े मुख्य भाव:
छठा भाव (6th House)
यह भाव झगड़े, दुश्मनी, कोर्ट-कचहरी और पुलिस केस से जुड़ा होता है. अगर इसमें पाप ग्रहों का असर हो या इसका स्वामी अशुभ हो, तो विवादों के योग बनते हैं.

आठवां भाव (8th House)
अचानक आने वाली मुसीबतें, जेल, बदनामी और धोखा इसी भाव से देखे जाते हैं. यह भाव गुप्त दुश्मनों और स्कैंडल्स से भी जुड़ा होता है.

बारहवां भाव (12th House)
यह भाव जेल, जुर्माना, खर्च और मानसिक एकांत जैसी स्थितियों को दर्शाता है. अगर यह भाव सक्रिय हो, तो कोर्ट-कचहरी से जुड़ी बातें उभर सकती हैं.


कोर्ट केस या पुलिस केस के संकेत देने वाले ग्रह

राहु
राहु झूठे आरोपों, धोखे और भ्रम की स्थिति से जुड़ा होता है. इसकी दशा या दृष्टि हो तो व्यक्ति बिना गलती के भी फँस सकता है.

शनि
शनि प्रशासन, कानून और सजा से जुड़ा होता है. अगर यह कमजोर हो या राहु के साथ हो तो कोर्ट केस की संभावना बढ़ जाती है.

मंगल
मंगल क्रोध, लड़ाई और टकराव का ग्रह है. अगर ये 6, 8 या 12वें भाव में हो, तो झगड़े से पुलिस केस की नौबत आ सकती है.

सूर्य
सूर्य सरकार, पुलिस और अधिकारों से जुड़ा होता है. कमजोर सूर्य प्रशासनिक उलझनों की वजह बन सकता है.

केतु
केतु अचानक संकट, भ्रम और गुप्त दुश्मनों का संकेत देता है. इसकी दशा में व्यक्ति बेवजह कानूनी पचड़ों में फंस सकता है.

ये योग हो सकते हैं खतरनाक
-6वां भाव का स्वामी अगर 8वें या 12वें भाव में हो, तो केस में हार और सजा की आशंका होती है.

-8वें भाव का स्वामी अगर 6वें भाव में हो, तो कानूनी मामला लंबे समय तक चल सकता है.

-मंगल और राहु अगर 6वें भाव में हों, तो हिंसा या क्रिमिनल केस का डर रहता है.
-शनि और राहु अगर केंद्र स्थान (1, 4, 7, 10) में हों, तो प्रशासनिक उलझनें बढ़ती हैं.
-शनि की साढ़ेसाती या राहु की महादशा में अगर ये भाव सक्रिय हों, तो पुलिस केस की संभावना काफी बढ़ जाती है.

दशा और अंतरदशा की भूमिका

कुंडली में ग्रहों का स्थान जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उनकी दशा और अंतरदशा का प्रभाव देखना.
-अगर राहु, शनि, मंगल या 6, 8, 12 भाव के स्वामी की दशा चल रही हो, तो कोर्ट केस का समय हो सकता है.
-कमजोर चंद्रमा मानसिक तनाव को बढ़ाता है.
-सूर्य की अशुभ दशा में सरकारी विवाद सामने आ सकते हैं.

कुछ और खास संकेत

-चंद्रमा पर राहु या केतु की दृष्टि हो, तो व्यक्ति सही-गलत में फर्क नहीं कर पाता, जिससे पुलिस केस की आशंका होती है.
-अगर लग्नेश पाप ग्रहों के बीच फंसा हो, तो व्यक्ति प्रशासन से टकराव की स्थिति में आ सकता है.
-सूर्य अस्त हो या नीच का हो, तो सरकारी परेशानी संभव है.
-मंगल-शनि की युति से लड़ाई, झगड़ा और केस-जेल का योग बनता है.

इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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