‘गलवान’ ने छीना सलमान का सपना! 5 साल से बना रहे थे फौजी, फिल्म रह गई पीछे

सलमान खान ने हाल ही में अपनी अपकमिंग फिल्म बैटल ऑफ गलवान का टीज़र रिलीज किया, जिसमें वह एक फौजी के किरदार में नजर आने वाले हैं। लेकिन फिल्म की रिलीज से पहले ही उनके लिए एक झटका देने वाली खबर सामने आ गई है। दरअसल, यूट्यूब पर पहले ही LAC: बैटल ऑफ गलवान नाम की एक फिल्म रिलीज हो चुकी है, जिसकी कहानी सलमान की फिल्म की कहानी से मिलती-जुलती बताई जा रही है।
मनोरंजन डेस्क | नेशनल खबर
सलमान खान के फैंस उनकी अगली फिल्म को लेकर चिंतित हैं। ‘सिकंदर’ के फ्लॉप होने के बाद सलमान खुद भी फिल्मों के चुनाव में सावधानी बरत रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी अपकमिंग फिल्म बैटल ऑफ गलवान का टीज़र रिलीज किया है, लेकिन इसी विषय पर आधारित एक और फिल्म चुपके से यूट्यूब पर रिलीज हो गई है। नितिन कुमार गुप्ता के निर्देशन में बनी इस फिल्म का नाम है “LAC: बैटल ऑफ गलवान”, जिसमें राहुल रॉय मुख्य भूमिका में हैं। यह खबर सलमान और उनकी टीम के लिए चिंता बढ़ाने वाली साबित हुई है।
राहुल रॉय, जिन्होंने कर्नल बिक्कुमल्ला संतोष बाबू से प्रेरित किरदार निभाया है, को 2020 में शूटिंग के दौरान ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। इसके बाद उन्हें कारगिल, श्रीनगर और मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सलमान खान ने इस दौरान राहुल के अस्पताल बिल भरने में भी मदद की थी।
“LAC: बैटल ऑफ गलवान” फिल्म 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में हुए भारत-चीन सैनिक संघर्ष को दिखाती है। हालांकि सलमान की फिल्म भी इसी कहानी पर आधारित है, लेकिन नितिन गुप्ता की फिल्म कई बार रिलीज में देरी का सामना कर चुकी है। डायरेक्टर ने बताया कि शुरुआत में 15 जून 2023 को गलवान युद्ध की बरसी पर इसे सिनेमाघरों में रिलीज करने का प्लान था, लेकिन केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की वजह से फिल्म कई बार रुकी।
यह फिल्म नवंबर 2020 में शूट की गई थी और जून 2022 में इसे CBFC को सौंपा गया। अगस्त 2022 में रक्षा मंत्रालय की अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय समिति के सामने स्क्रीनिंग हुई और बाद में CBFC के सामने भी दूसरी स्क्रीनिंग रखी गई। सितंबर 2022 में बोर्ड ने कई बदलावों का सुझाव दिया।
डायरेक्टर ने बताया कि फिल्म में पहले ही कई संशोधन किए गए थे, जैसे शहीदों के नाम बदलना और चीन का सीधे उल्लेख न करना। इसके बावजूद सितंबर 2022 के बाद भी बोर्ड से कोई जवाब नहीं मिला। तीन साल तक डायरेक्टर ने कई प्रयास किए लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। अंततः डिजिटल राइट्स होल्डर और अमेरिकी नागरिक विक्रम जाधव ने 5 जुलाई को इसे यूट्यूब पर रिलीज करने का फैसला किया।
नितिन गुप्ता ने कहा, “CBFC ने हमें टाइटल से ‘LAC’ हटाने, असली लोकेशन्स के संदर्भ खत्म करने, हिंसा को 33% कम करने और सैनिकों की असली लड़ाई की सच्चाई को कम दिखाने के लिए कहा। सबसे दुखद बात ये थी कि हमें आखिरी समय में 20 असली शहीदों की तस्वीरें, जो पहले से सार्वजनिक थीं, क्रेडिट से हटाने को कहा गया।”