डायबिटीज को लेकर सबसे बड़ा खुलासा! मरीज की जुबानी और रिसर्च की सच्चाई

Written By: – Pragya Jha, National Khabar
डायबिटीज को लेकर सबसे बड़ा खुलासा! मरीज की जुबानी और रिसर्च की सच्चाई
क्या डायबिटीज वाकई में जीवनभर साथ रहने वाली बीमारी है? या फिर यह केवल अधूरी जानकारी और अधूरे इलाज का नतीजा है? टाइप 1 डायबिटीज से जूझ रहे एक मरीज और शोधकर्ता डॉ. एस. कुमार की रिसर्च इस विषय में नया नजरिया पेश करती है।
मरीज की जुबानी: इलाज से कैसे मिला फायदा?
टाइप 1 डायबिटीज के मरीज ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे एक समग्र इलाज और पूरी जांच की मदद से उन्हें बेहतर नतीजे मिले। उन्होंने बताया कि पारंपरिक इलाज से परे जाकर जब उन्होंने अपनी जांचों में कुछ विशेष टेस्ट्स जोड़े और खानपान के साथ जीवनशैली में बदलाव किए, तो उनकी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
रिसर्च का खुलासा: अधूरी जांच बन सकती है बड़ी चूक
डॉ. एस. कुमार—जो एक प्रसिद्ध शोधकर्ता, दो पुस्तकों के लेखक और भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित हैं—का मानना है कि डायबिटीज को सही ढंग से समझना और नियंत्रित करना तभी संभव है जब हम “पूर्ण जांच” कराएं। वे बताते हैं कि आमतौर पर डायबिटीज के मरीज कुछ सीमित जांचों पर ही निर्भर रहते हैं, जबकि नीचे दी गई जांचें भी उतनी ही जरूरी हैं:
1 Fasting Serum Insulin
2 HBA1C
3 C-Peptide
4 Beta Cells Function
5 Post Meal Sugar
6 HOMA-IR
इन टेस्ट्स से यह स्पष्ट होता है कि मरीज को वास्तव में डायबिटीज है या नहीं। कई बार केवल शुगर का स्तर देखकर जल्दबाज़ी में निदान कर दिया जाता है, जिससे मरीज़ को पूरी सच्चाई कभी पता ही नहीं चलती।
दूध, फल और तेल पर नई सोच
डॉ. कुमार की रिसर्च में आहार संबंधी कई प्रचलित धारणाओं पर सवाल उठाए गए हैं।
दूध: उनके अनुसार दूध किसी भी सामान्य इंसान के लिए उपयुक्त नहीं है, यहां तक कि बच्चों को भी नहीं दिया जाना चाहिए। यह कई प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है।
फल: फलों में मौजूद फ्रुक्टोज़ एक प्रकार का प्राकृतिक शुगर है जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है।
तेल: सही तेल वही है जिसमें से धुआँ न निकलता हो, जो शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण में मदद करता हो, और कोशिकाओं को नुकसान न पहुंचाए।
डायबिटीज को “बीमारी” क्यों न कहें?
डॉ. कुमार के अनुसार, डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, न कि ऐसी बीमारी जो जीवनभर साथ रहती है। सही जांच, सही आहार और जीवनशैली के संयोजन से इसे रिवर्स किया जा सकता है। वे मानते हैं कि केवल ब्लड शुगर को देखकर डायबिटीज कहना एक अधूरा और भ्रामक दृष्टिकोण है।
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आइए जानते हैं एस कुमार के बारे में
डॉ. एस कुमार Appropriate Diet Therapy Centre के संस्थापक हैं।। डॉ. एस कुमार पीएचडी होल्डर होने के साथ-साथ “डॉक्ट्रेट ऑफ लिटरेचर” की डिग्री रसियन यूनिवर्सिटी से प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही 3 बार गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।। डायबिटीज की दुनिया में शोध करने के लिए उन्हें फ्रांस की सीनेट में भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, डॉ. एस कुमार को लंदन की 200 साल पुरानी पार्लियामेंट में डायबिटीज पर शोध के लिए बेस्ट साइंटिस्ट के अवार्ड से भी नवाजा गया है।
डॉ. एस कुमार अभी तक कई किताबें भी लिख चुके हैं, जिनमें से एक पुस्तक को राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में स्थान भी दिया गया है। भारत में Appropriate Diet Therapy Centre की 56 से अधिक शाखाएं संचालित हैं। यदि आप भी संपर्क करना चाहते हैं तो दिए गए नंबर पर कॉल करें:: +91 9372166486