स्वास्थ्य

जी भर के मीठा खाने पर भी आपको डायबिटीज नहीं होगी !

Written By: Pragya Jha, National Khabar

डायबिटीज: भारत में डायबिटिक मरीजों की संख्या तकरीबन 10 करोड़ के आस-पास है, जबकि प्री-डायबिटिक मरीजों की संख्या लगभग 13 करोड़ बताई जाती है। यह आंकड़े सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी चिंता नहीं हैं, बल्कि यह संकेत भी देते हैं कि जीवनशैली और खान-पान की आदतें किस हद तक हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं।

त्योहार और बढ़ती शुगर
नवरात्रों का समय शुरू हो चुका है। खासकर बंगाल में यह नौ दिन किसी बड़े पर्व या दिवाली से कम नहीं माने जाते। इन दिनों में भव्य सजावट, पंडाल, माँ दुर्गा की पूजा और मेलों के साथ-साथ तरह-तरह के पकवान, मिठाइयाँ और तली-भुनी चीज़ें आसानी से उपलब्ध होती हैं। ऐसे में मिठाइयों का सेवन ज़्यादा होना स्वाभाविक है। यही कारण है कि त्योहारों के समय शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है।

बंगाल में वर्तमान में लगभग 10% लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और यह संख्या आने वाले समय में और बढ़ सकती है। सवाल यह है कि क्या मिठाइयाँ और फल खाने से डायबिटीज होनी ही है? या फिर क्या इसे रोका जा सकता है?

क्या डायबिटीज एक बीमारी है?
बहुत से लोग डायबिटीज को आजीवन रहने वाली गंभीर बीमारी मानते हैं। परंतु, कुछ विशेषज्ञ इस धारणा से सहमत नहीं हैं। एप्रोप्रियेट डाइट थेरेपी सेंटर के संस्थापक और शोधकर्ता डॉ. एस कुमार, जिनके पास डायबिटीज के क्षेत्र में लगभग 45 वर्षों का अनुभव है, का कहना है:

डायबिटीज नाम की कोई बीमारी नहीं है। यह केवल ब्लड शुगर का बढ़ना है, जिसे खान-पान और जीवनशैली में बदलाव कर नियंत्रित किया जा सकता है। दवाइयों और इंसुलिन के बिना भी लोग इससे छुटकारा पा सकते हैं।

उनके अनुसार, भारत में लगभग 90% मरीज डायबिटीज से संबंधित अधूरी जांचें करवाते हैं। अधूरी जांचों के कारण ही बहुत से लोग वर्षों तक दवाइयाँ और इंसुलिन लेते रहते हैं।

गुजरात का हाल: ICMR का बड़ा सर्वे
हाल ही में ICMR (Indian Council of Medical Research) द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक, सिर्फ गुजरात में ही 8% लोग डायबिटिक हैं और 10% लोग प्री-डायबिटिक। यह संकेत है कि इस समस्या का दायरा कितना बड़ा है।

पर क्या इन मरीजों को ठीक किया जा सकता है? डॉ. कुमार का दावा है कि सही आहार और अनुशासित जीवनशैली से ऐसे लोग भी नॉर्मल शुगर लेवल पर लौट सकते हैं।

मीठा कहते हुए भी आप डायबिटीज से कैसे बचें ये जानने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें।

आइए जानते हैं एस कुमार के बारे में
डॉ. एस कुमार Appropriate Diet Therapy Centre के संस्थापक हैं।। डॉ. एस कुमार पीएचडी होल्डर होने के साथ-साथसाथ “डॉक्ट्रेट ऑफ लिटरेचर” की डिग्री रसियन यूनिवर्सिटी से प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही 3 बार गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।। डायबिटीज की दुनिया में शोध करने के लिए उन्हें फ्रांस की सीनेट में भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, डॉ. एस कुमार को लंदन की 200 साल पुरानी पार्लियामेंट में डायबिटीज पर शोध के लिए बेस्ट साइंटिस्ट के अवार्ड से भी नवाजा गया है।

डॉ. एस कुमार अभी तक कई किताबें भी लिख चुके हैं, जिनमें से एक पुस्तक को राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में स्थान भी दिया गया है। भारत में Appropriate Diet Therapy Centre की 56 से अधिक शाखाएं संचालित हैं। यदि आप भी संपर्क करना चाहते हैं तो दिए गए नंबर पर कॉल करें:: ‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪‪+91 9372166486‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬‬

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