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Home minister Amit Shah: – J & K बिल से 70 सालों से दिक्कत झेल रहे लोगों को इंसाफ मिलेगा।

Parliament के winter session के शुरू होने के साथ ही J&K बिल पर चर्चा गृहमंत्री अमित शाह ने शुरू की और साथ ही तर्क दिया की पूर्व (PM Jawahar Lal Nehru) की दो गलतियों की वजह से J&K के लोगों को इतने सालों तक परेशानी का सामना करना पड़ा। अमित शाह ने कहा की 2024 में मोदी सरकार आएगी और 2026 तक J&K से आतंकवादी घटनाऐं बंद हो जाएंगी।

written by: – Pragya Jha

संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने के साथ ही J & K बिल को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा शुरू की और चर्चा के दौरान उन्होंने बताया की पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की दो गलतियों की वजह से वहां के लोगों को 70 साल तक परेशानियों का सामना करना पड़ा है।


शाह J&K Reservation Amendment bill और J&K Reorganization Amendment Bill पर चर्चा कर रहे थे। जिसे निचले सदन से पास कर दिया गया है।
अमित शाह ने कहा 2 गलतियां जो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी जिसके कारण J&K को सालों तक परेशानी का सामना करना पड़ा उसमें सबसे पहले आता है संघर्ष विराम (Ceasefire) अगर नेहरू उस वक्त संघर्ष विराम नहीं घोषित करते तो आज POK हमारे पास होता और J & K के लोगों को आतंकवाद का सामना और तमाम दूसरी दिक्कतों का सामना ही नहीं करना पड़ता। दूसरी गलती ये की वो अपने देश के आंतरिक मामले को UN तक ले गए जिसके चलते ये मामला कभी सुलझ ही नहीं पाया। शाह ने आगे कहा की अगर नेहरू नई उस वख्त सही कदम उठाया होता तो आज POK भारत का हिस्सा होता।


शाह ने पहले की सरकार को दोष देते हुए कहा की अगर उन्होंने J & K मसले पर ध्यान दिया होता तो कश्मीरी पंडितों को पलायन करने पर मजबूर नहीं होना पड़ता।
शाह ने कहा की ये दोनों बिल 70 साल से संघर्ष कर रहे लोगों को और उनके परिवारों के लिए साथ ही उन लोगों के लिए जिन्हे नजरंदाज किया गया उन सभी के लिए इंसाफ के तौर पर होगा।
साथ ही निचली सदन में बिल पर चर्चा करते हुए उन्होंने अपनी बातों के तीर छोड़ते हुए देश की सबसे पहली पार्टी पर OBC वर्ग के प्रगति में बाधा बनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब परिवार में पैदा हुए और वो देश के प्रधानमंत्री बने वो जानते हैं की गरीबी का दुःख क्या होता है।
शाह ने कहा की मोदी सरकार 2024 में वापस आएगी और 2026 तक J & K में आतंकवादी गतिविधियों में विराम लग जाएगा।

दोनों बिल की महत्वपूर्ण अंग
1 जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल में कुछ आरक्षित श्रेणियों के लिए राज्य सरकार के पदों पर नियुक्ति और कुछ संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण प्रदान करता है।
2 जम्मू कश्मीर आरक्षण विषयक आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को पेशेवर संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण देता है।
3 इसमें अनुसूचित जाती के लिए 7 सीट और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित हैं।
4 इस बिल के चलते जम्मू में 37 की जगह 43 सीटें आरक्षित होंगी।
5 और कश्मीर में आरक्षित सीटें 47 से 46 हो जाएंगी।

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