राज्यबिहार

‘कूड़ेदान’ बयान पर सियासी घमासान, भाजपा ने कहा – लोकतंत्र और संविधान की अवमानना

रविवार को पटना के गांधी मैदान में विपक्षी इंडी गठबंधन और मुस्लिम संगठनों ने वक्फ कानून के विरोध में एक विशाल रैली का आयोजन किया। रैली में वक्ताओं ने वक्फ कानून को राज्य में लागू न होने देने की बात कही। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने तीखा सवाल उठाया—”क्या विपक्षी गठबंधन बिहार में सऊदी अरब और इंडोनेशिया से भी कठोर शरिया कानून लागू करना चाहता है?”

Written by Himanshi Prakash , National Khabar

अब भी पुरानी सोच से बाहर नहीं निकला विपक्ष


भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्याय आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ हाल ही में मनाई गई है, लेकिन दुखद है कि विपक्ष आज भी उसी मानसिकता से बाहर नहीं आया।”


उन्होंने पटना के गांधी मैदान में रविवार को हुई रैली का जिक्र करते हुए कहा, “तेजस्वी यादव ने संसद द्वारा पारित वक्फ कानून को ‘कूड़ेदान में फेंकने’ की बात कही। यह वही कानून है जिसे देश की संसद के दोनों सदनों ने पारित किया है। इसका मतलब साफ है कि न तो उन्हें विधायिका का सम्मान है और न ही न्यायपालिका का।”


त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव और इंडी गठबंधन के अन्य नेता केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “ये वही लोग हैं, जो 50 साल पहले की तानाशाही और संविधान विरोधी सोच को आज भी ढो रहे हैं।”

क्या विपक्ष बिहार में शरिया कानून लागू करना चाहता है?’ भाजपा सांसद का तीखा सवाल


भाजपा सांसद ने विपक्षी इंडी गठबंधन पर हमला बोलते हुए सवाल किया, “क्या विपक्ष बिहार में शरिया कानून लागू करना चाहता है? जिस वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों का विरोध विपक्ष कर रहा है, क्या वैसे कानून इस्लाम की जन्मस्थली सऊदी अरब, इंडोनेशिया या तुर्की जैसे देशों में भी लागू हैं? यहां तक कि आईएसआईएस प्रभावित सीरिया और इराक में भी ऐसा कानून नहीं है। फिर भारत में इस तरह के कानून को क्यों लाने की बात की जा रही है?”


उन्होंने आगे कहा कि राजद और समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां खुद को समाजवादी बताती हैं, लेकिन ये वास्तव में गरीब और जरूरतमंद मुस्लिमों के हित में नहीं, बल्कि कुछ खास लोगों के फायदे के लिए काम कर रही हैं।
भाजपा नेता ने तंज कसते हुए कहा, “राजद और सपा का समाजवाद अब ‘नमाजवाद’ बन गया है। अगर कोई नेता संसद द्वारा पारित कानून या बाबा साहब आंबेडकर के संविधान को ‘कूड़ेदान में फेंकने’ की बात करता है, तो भाजपा और एनडीए उसे ऐसा कतई नहीं करने देंगे। हम संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”

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