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आखिर चाहते क्या हैं ट्रम्प, एक तरफ दोस्ती की बात दूसरी तरफ EU से 100% टैरिफ की गुहार

Written by: – Pragya Jha, National Khabar

आखिर चाहते क्या हैं ट्रम्प, एक तरफ दोस्ती की बात दूसरी तरफ EU से 100% टैरिफ की गुहार
भारत और अमेरिका
के बिच टैरिफ वॉर को काफी लंबा समय हो चुका है। मामला सुलझने की जगह और उलझता जा रहा है। एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को बेताब हैं कहकर ट्वीटर पर पोस्ट कर रहे हैं वहीं पर दूसरी तरफ यूरोपियन यूनियन से गुहार कर रहे हैं की चीन और भारत पर 100% टैरिफ लगाया जाए। इसके पीछे मकसद है की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आर्थिक दवाब बनाया जा सके और इस टैरिफ से चीन और भारत को रूस से तेल न खरीदने पर मजबूर किया जा सके. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा ये तभी तय किया जाएगा जब यूरोपियन यूनियन जब हमारे साथ आगे आएँगे। इस अधिकारी ने इशारों में कहा की अमेरिका इस मामले पर संयुक्त दृष्टिकोण अपनाएगा। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक एक अमेरिकी और एक यूरोपियन के राजनयिक ने इस सम्बन्ध में जानकारी दी। यह अनुरोध एक कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए यूरोपियन यूनियन के सैन्क्शंस एनवॉय डेविड ओ’सुलिवन और अन्य अधिकारियों को किया गया, जबकि EU प्रतिनिधिमंडल वॉशिंगटन में सैन्क्शंस को ऑर्डिनेशन वार्ता कर रहा था।

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ट्रम्प
ने अपने बातचीत से में ये स्पष्ट रूप से दर्शाया की हम सभी चीन पर टैरिफ लगाए रखें जिससे चीन पर दवाब बने तेल न खरीदने का और रूस की आर्थिक हालत को दबाया जा सके।
EU के राजनयिक ने ये भी बताया की अगर EU और NATO जैसे प्रमुख संगठन ऐसा कदम उठाएं तो वो भी सामान टैरिफ लगाएंगे। लेकिन इस तरह की राजनीती EU की पॉलिसी से बिलकुल अलग है। EU का ध्यान रूस को अलग थलग करने के लिए रिस्ट्रिक्शन्स पर है लेकिन टैरिफ लगाने पर कोई फोकस नहीं रहा है।

अब समझने वाली बात ये है की ट्रम्प आखिर करना क्या चाहते हैं ? आने वाले समय में ये और ज्यादा गंभीर हो सकता है। फाइनेंसियल टाइम्स के मुताबिक EU देशों ने भारत और चीन जैसे देशों पर सेकेंडरी सैन्क्शंस लगाने का विचार करना भी शुरू कर दिया है।

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